सेबी के फ्रेमवर्क की खास बातें:
भारतीय शेयर और पुनर्मूल्यांकन बोर्ड (सेबी) ने नई नियमों को लागू करने का एलान किया है। इससे निवेशकों के लिए एक अवसर पैदा हुआ है जिसका उपयोग वे अच्छी तरह से कर सकते हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं जिनके बारे में जानकारी के लिए यहां दी गई है:
1) सभी निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग की मंजूरी दी गई है। इसका मतलब है कि निवेशक अब सेक्योरिटी की बिक्री की सूची में शामिल होकर उसे नीचे खरीद सकते हैं। इससे उन्हें कमाई का मौका मिलता है।
2) नेकेड सेलिंग की मंजूरी नहीं होगी। अब शॉर्ट सेलिंग करने के लिए निवेशक को सुरक्षापूर्वक खरीदारी करनी होगी। इससे उसे शॉर्ट सेलिंग के लिए पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।
3) इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए डे ट्रेडिंग की मंजूरी नहीं होगी। उन्हें शॉर्ट सेलिंग करने के लिए अब और नियम ज्ञात करने होंगे। इससे शेयरों के खरीद-बिक्री के लिए अधिक सुरक्षा की नीति बनेगी।
4) सिक्योरिटी को असफल करने वाले ब्रोकर्स पर कार्रवाई की जाएगी। अब अगर कोई ब्रोकर शेयरों के मार्केट में असफल चुनाव करता है तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। इससे निदान्ता का उद्भव होगा और ब्रोकरों को इसे इंगित करना होगा।
5) सिक्योरिटी लैंडिंग और बारोइंग एसएलबी स्कीम स्थापित की जाएगी। जिससे निवेशकों को अधिक सुरक्षा और सुविधा मिलेगी। इससे वे अपने खुद के पूंजी व भविष्य की सुरक्षा कर सकते हैं।
6) एफएंडओ सेग्मेंट में शॉर्ट सेलिंग की मंजूरी होगी। यह एक अच्छी खबर है क्योंकि इससे अब निवेशक एफएंडओ सेग्मेंट में एक बड़ी कंपनी खरीदने के लिए अच्छा मौका पा सकता है।
7) इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर को शॉर्ट सेलिंग के बारे में जानकारी देनी होगी। उन्हें निवेशकों के बारे में सटीक और ताजगी बरकरार रखनी होगी।
8) ब्रोकर्स को अपनी शॉर्ट सेल पोजीशन की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को देनी होगी। इससे उन्हें और जमीनी तौर पर विश्वास होगा और इसे जनता को भी पता चलेगा।
9) स्टॉक एक्सचेंज आंकड़ों को लोगों के लिए उपलब्ध कराएगा। इससे निवेशकों को अच्छे सूचना का मौका मिलेगा और वे अपने निवेश को सफल बना सकेंगे।
इस प्रकार, सेबी के नए फ्रेमवर्क ने निवेशकों के लिए एक नया दौर शुरू किया है। यह उन्हें निवेश की सुविधा में और बेहतरीन तरीके से सुरक्षा प्रदान करेगा।
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