पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अलवी ने ऐलान किया है कि पाकिस्तान संसद को भंग कर दिया गया है और अब चुनाव तक एक कार्यवाहक सरकार चलाने की कार्रवाई की जाएगी। यह बयान देश की राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से हुआ है जिसका कारण पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता नहीं है।
पाकिस्तान में अभी तक किसी नए प्रधानमंत्री के चयन पर सरकारी कोई सहमति नहीं है। इसके चलते देश में राजनीतिक संकट बढ़ा हुआ है। बाली के चलते विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद उठ रहे हैं और इसका देश की स्थानीय राजनीति पर भी असर पड़ रहा है।
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया है, यह तथ्य उम्मीद जगा रहा था कि कुछ वक्त बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के टिनज़ड़ी काल के बाद देश में स्थिरता आ जाएगी। लेकिन इसे अलग दिशा देते हुए राष्ट्रपति ने इस फैसले का अनुमान लगाए जारी किया है कि पाकिस्तान में चुनाव संसद में नहीं होंगे और एक कार्यवाहक सरकार काम करेगी।
इस चुनाव में पूर्व क्रिकेटर और न्यूज़ दर्शकों द्वारा आदर्श माने जाने वाले इमरान ख़ान का सियासी मुकद्दर बहुत महत्वपूर्ण होगा। वह अपनी पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ़’ के संगठन की मजबूती पर भरोसा दिला रहे हैं और भारत पाकिस्तान संबंधों को नई दिशा देने का काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।
यह चुनाव पूरे एनजीओ और वैश्विक समुदाय के नजरअंदाज की जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान के इस फैसले से इस देश की राष्ट्रीय राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। आशा है कि नयी सरकार संविधान को सुरक्षित, स्थायी और कानूनी ढंग से चलाएगी और देश की राजनीतिक स्थिरता को पुनर्स्थापित करेगी।
लेखक: ई-पोस्टमार्टम संपादक
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