भारत ने इजरायल-हमास युद्ध के बीच बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है। भारत की सरकार ने आधिकारिक बयान में कहा है कि वे इस संकटग्रस्त स्थिति को गंभीरता से लेकर रखते हैं और इसके समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम करेंगे। भारत के अपमानजनक पक्ष को जानते हुए भी, इसके लिए दूसरी और तीसरी देशों को आह्वान किया जाता है कि वे तत्परता से इस मसले को सुलझाने में मदद करें।
भारत इजरायल पर हमले की निंदा की है और इस तरह की हिंसा की हमी कर चुकी है। इसका बयान भारतीय अदालत ने जारी किया है, जो इसे अत्यधिक शर्मनाक और निन्दनीय मानता है। भारतीय सरकार ने इजरायल के पक्ष में उठाए गए कंक्रीट साक्ष्यों को जांचने की मांग की है।
भारत ने गाजा में मानवीय संकट पर गहरी चिंता प्रकट की है। अभिव्यक्ति में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगतरूप से घृणा व्यक्त की है और गाजा के लोगों के प्रति सहानुभूति जताई है। उन्होंने इस मसले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया है और संघ में भी। उन्होंने इज़रायल को आपत्ति जताई है और इससे बड़े आंतरण की आशंका है।
भारत ने बांग्लादेश के चुनाव को उसका आंतरिक मामला बताया है। भारतीय सरकार ने कहा है कि इसे जो कुछ हुआ है, वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों के संबंध में है और इसे केवल बांग्लादेशी नागरिकों को ही ठीक करना चाहिए। भारत की सरकार ने इसका किसी तरह से अपमान नहीं माना है और उन्होंने बांग्लादेश से इस मामले में किसी भी प्रकार की मदद की जाने की मांग नहीं की है।
मालदीव द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया गया है। मालदीव की सरकार ने देश के तामिल हिंदू समुदाय में सिख समुदाय के लोगों का स्थापना दिवस मनाने के लिए मोदी को आमंत्रित किया है। इसके अलावा, उन्होंने उनके कार्यकाल के बाद मोदी को मालदीव में भ्रमण करने की भी आमंत्रण दिया है।
भारत ने आस्ट्रेलियाई अदालत के आदेश को खारिज कर दिया है। भारतीय सरकार ने दोहाइपुर कार्यक्रम के दौरान हिंदू अवैध अतिक्रमण के आरोपों के चलते आस्ट्रेलियाई अदालत के आदेश को खारिज कर दिया है। भारतीय राष्ट्रपति की सरकार ने कहा है कि यह एक अत्यंत मामला है और ऐसे मामलों का समाधान केवल भारत कर सकता है।
भारत विदेशी सरकारों पर दबाव डालने की कड़ी करेगा खालिस्तानी समर्थक समूह के खिलाफ। भारतीय सरकार ने खालिस्तानी समूह की सक्रियता और सरकारों पर दबाव डालने की कोशिशों को नकारा है। उन्होंने कहा है कि खालिस्तानी समूहों के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोई अनुमति नहीं होगी। भारत ने भी अनुरोध किया है कि अन्य देश भी इस समस्या को गंभीरता से लें और खालिस्तानी समूहों के खिलाफ सग़ाई बढ़ाएं।
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