इजरायली सेना ने गाजा में हमले जारी किए हैं जिससे बड़ा हाहाकार मच गया है। इस हमले का लक्ष्य मध्य गाजा के खान यूनिस कैंप को बनाया जा रहा है, जहां ऐतिहासिक और संगठित हमलों के प्रतीक करीकर्मों का स्थल है। इस वर्ष के दौरान, इस क्षेत्र में अभी तक तीन चोट के साथ घायल हुए हैं। पिछले वर्ष से देखें तो यहां पहले ही दो हमले हुए हैं, जिससे कि यह चरम पर नहीं है।
इस हमले में 35 दर्ज़े के नजदीकी ग्रामीणों और गांवों में रहने वाले लोगों की मौत हो गई है। कुछ लोग इसमें अपराधी या आतंकवादी हो सकते हैं, हाथ धोनेवाले को मजबूर कर सकते हैं जबकि दूसरे लोगों को इस हमले में शामिल होने का नया कारण ढूंढना होगा।
इजरायली सेना का कहना है कि यह हमला इस इलाके में सुरक्षा को मजबूत करने का एक प्रयास है। इसे इजरायल की कार्रवाई के रूप में उचित माना जा सकता है जब परिसर में आपत्तिजनक तत्वबीन्द हो सकते हैं। हालांकि, हकीकत यह है कि इस संघर्ष के दौरान अब तक 21000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। इनमें से बहुत सारे बेगुनाह अमनप्रिय लोगों की मौत है, जिन्हें अब सैद्धांतिक तौर पर जन्माश्री करना होगा।
इजरायली सेना की दूसरी ओर सेलेब्रटर दादा हटिया की ओर से मान्यता दी जाती है। आमतौर पर, इजरायलली हमलों का लक्ष्य मिसाइल पथरीकरण कि आपत्तिजनक कार्रवाई करने वाले आतंकवादियों के बसा उठाई जाती है। इजरायल सेना के नेतृत्व में, हमला बदल सकता है, जहां सुरक्षा संदर्भ के लिए अगर हमला उचित माना जाता है तो कई समूहों ने इसे न्याय तक पहुंचाने का प्रयास किया है, जिसे प्रशंसा भी मिली है।
इस दौरान मदद के लिए वन्य दरिद्र लोगों के लिए नर्मदा नदी के पास एक अस्पताल स्थापित किया गया है जिसका उपनिवेशन ३० मई को किया गया था। हालांकि, दुर्भाग्य से, इस अस्पताल को ध्वस्त कर दिया गया है, जिससे उस क्षेत्र की जनता का आश्रय चला गया है। २० से भी अधिक लोगों को मौत का सामना करना पड़ा जो अस्पताल के निर्माण में लगे हुए थे।
विस्तारण पर जो हो सकता है, वह हमें नहीं पता लगा पाया है। बाग़ी गज (חַזְקַת עָז) ने दावा किया है कि यह हमलाबाजी नेताओं के छिपे हुए संगठन, हमास, के प्रति मदद करने के उद्देश्य के साथ हुई है। इन निर्णयों के परिणामस्वरूप प्रशासनिक पारदर्शिता का महत्त्वपूर्ण स्पष्टीकरण होना चाहिए।
इस बात को कहा जा सकता है कि इजरायली सेना के हमलों पर चिंता जताई जानी चाहिए जिससे कि विस्फोटक कार्रवाई न करने वाले निर्माताओं तक चर्चा और कई स्वामित्वों का तकाज़ा जीवित रहने पर एहसान किया जाना चाहिए।
बीस अल्फ़ा / मीटरविय अख़बार ***************************************************
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