नवभारत टाइम्स डिजिटल के वरिष्ठ डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर कार्यरत गौतम ट्रिपाठी ने एक लम्बे सफर के दौरान सामरिक, सीधी प्रकाशन, और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित कई अख़बारों में काम किया है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरूआत दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, और अमर उजाला जैसी प्रमुख संस्थाओं के साथ की थी। तब से, उनका 5 साल का सफर उन्हें इंदौर से लेकर एनसीआर तक पहुँचा है।
उनकी मानसिकता में देश और विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि है। उन्हें आदर्शवादी कहा जा सकता है जो सतत इच्छा रखते हैं कि डिजिटल माध्यमों के नए प्रयोगों में अपनी ज्ञान और कौशल को सीखें। उन्होंने उन बीमारियों की जांच की हैं, जो गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में होती है, और उन्हें गोरखपुर की धरती पर ढेर सारे खुदाई कार्यों को देखने का सौभाग्य मिला है जहां गोरखनाथ की मशहूर मंदिर स्थित हैं।
“ये सभी अनुभव मेरे पत्रकारिता की बहुमुखी प्रकाश्यों में कई रूपों में कारगर साबित हो रहे हैं। फिर से शुरू होने वाली डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘E-पोस्टमॉर्टम’ में मैं सोशल मीडिया पर बढ़ती दूरी और सेंसेशनल पोस्ट की और सावधान रहेंगे,” उन्होंने कहा। “मुझे मेरे पाठकों की जरूरत है और मैं उन्हें सच्चाई की ओर अवसादी संपत्ति से ध्यान खिंचने का प्रयास करूँगा।”
‘ई-पोस्टमॉर्टम’ स्थापित करने का मकसद अंतिम व्यक्ति के अधिकारों की प्रतिलिपि बनाना है, ताकि स्वतंत्रता के बाद भी उनकी अवसादी संपत्ति पर हक़ हो सके। इसके अलावा, इस वेबसाइट का आयोजन इंसान के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए भी किया जाएगा, जैसे कि विवाह समारोह, निधन, और श्राद्ध आदि।
गौतम ट्रिपाठी ने कहा, “ई-पोस्टमॉर्टम” एक वेबसाइट है, जिसे संरचित सूचना का एक संगठित स्रोत माना जाएगा। इससे मनोबद्धि, सामाजिक, और आर्थिक हित प्राप्त होगा। यह वेबसाइट दर्शकों को एक स्थायी स्रोत प्रदान करेगी, जो उनके अपने मृतक इंसान के विचारों को संग्रहीत करने में मदद करेगा।
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