बजाज फाइनेंस के सितंबर तिमाही रिजल्ट्स ने उठाया दिलों को छूने वाला दौरा। इस तिमाही में कंसालिडेटेड शुद्ध मुनाफा 28% तक उछलकर 3,550.80 करोड़ रुपये बना, जबकि रेवेन्यू में भी 34% उछलाव हुआ। नेट इंटरेस्ट इनकम में सुधार के कारण मुनाफा 28% तक उछलकर 3,550.80 करोड़ रुपये पर पहुंचा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक मुनाफा 30% तक उछलकर 3,626 करोड़ रुपये होना था।
बजाज फाइनेंस की सब्सिडियरीज के वित्तीय नतीजे भी रिजल्ट में शिल्पित हो गए हैं। नये लोन की संख्या 26% तक उछलकर 85.3 लाख तक पहुंच गई, जबकि डिपॉजिट 39% तक उछलकर 58400 करोड़ रुपये हो गए हैं। कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी 33% बढ़कर 2.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
हालांकि, लिक्विडिटी पोजिशन मजबूत हो रही है और नेट लिक्विडिटी सरप्लस बढ़कर 11,400 करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही एसेट क्वालिटी में गिरावट आई है, जो कंपनी को सोचने पर मजबूर कर रही है। परंतु कुल मिलाकर बजाज फाइनेंस के सितंबर तिमाही रिजल्ट्स में बढ़ोतरी का जश्न मनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही कंसालिडेटेड डिपॉजिट्स ने 50 हजार करोड़ रुपये का माइलस्टोन पार कर दिया और 54,821 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं।
यहां तक कि एक्सपर्ट्स ने बताया है कि बजाज फाइनेंस ने उनकी अनुमानित प्रतिबद्धता को भी पार कर दिया है। इन नतीजों के साथ ही आगामी कल कुछ और विमर्शों की संभावना बनी हुई है ताकि आगे भी बजाज फाइनेंस वित्तीय बाजार में अपने महत्त्वपूर्ण स्थान को बनाए रख सके।
बजाज फाइनेंस के सितंबर तिमाही रिजल्ट्स ने वित्तीय बाजार को चौंका दिया है और कंपनी के नये उपयोगकर्ताओं को भी विश्वास दिलाने का काम किया है। इस बढ़ते हुए उपयोगकर्ता और वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि बजाज फाइनेंस की उभरती हुई गति प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में एक मजबूत प्रतिस्पर्धा चिन्ह है।
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