उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर पिछले 10 दिनों से भीतर फंसे हुए हैं। यह खबर उत्तरकाशी के सिलक्यारा क्षेत्र में हुए हादसे के बारे में है। इस हादसे के दौरान कई मजदूर बुरी तरह फंस गए थे, लेकिन उनकी सुरक्षा की चिंता को देखते हुए राहत कार्यों को तेजी से शुरू किया गया है। संबंधित अधिकारी और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में, यहां हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ये मजदूर जल्द सुरंग से बाहर निकल सकें।
मजदूरों के जीवन की रक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रयासरत लोग उन्हें लगातार खाना और पानी पहुंचा रहे हैं। छह इंच की पाइप का इस्तेमाल करके भीतर फंसे मजदूरों तक खाना पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे सुरंगों में छेद करके फिट किया जाता है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब छह इंच वाली पाइप का सहारा लिया जा रहा है ताकि उन्हें बने रहने के लिए पूर्णतः खाना और पानी सप्लाई किया जा सके।
मंगलवार रात मजदूरों को खाने में पाइप के जरिए वेज पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गईं। दूसरी और तीसरी शनिवार को उन्हें खिचड़ी और दलिया का सुझाव दिया गया था। इसके अलावा संतरे, केले और इलाज की दवाइयां भी मजदूरों को पहुंचायी जा चुकी हैं। इसके बाद भी, मजदूरों के लिए 150 पैकेट खाने की वस्त्रें भेजी गई हैं। इन खाने की वस्त्रों में खिचड़ी और दलिया भरे गए हैं, जो कि उत्तम मात्रा में तेल और मसालों के बिना और स्वादिष्ट हैं।
डॉक्टरों की निगरानी में ये खाने की वस्त्रें तैयार की गई हैं, ताकि मजदूरों को लगातार उचित पोषण मिल सके। जबकि समर्थन में अन्य लोगों ने इन खाने की बहुतायत हैंडलिंग का ध्यान रखा है।
यह काम और भी सुगम तरीके से किया जा रहा है ताकि इन मजदूरों की सेहत और सुरंग में रहने की स्थिति को बेहतर बनाए रखा जा सके। उनकी खुशहाली के लिए सभी संघर्ष जारी है और सरकारी अधिकारी अपना श्रम तक जुटाने में थक कर नहीं रहे हैं।
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