ख्वाजा की अपील ICC में खारिज: बल्ले और जूतों पर इजराइल-हमास जंग से जुड़े लोगों लगाने की परमिशन मांगी थी।
ICC ने ख्वाजा की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें वे बल्ले और जूतों पर कबूतर और जैतून की शाखा की छवि प्रदर्शित करना चाहते थे। ख्वाजा ने मानवीय संकट पर जागरूकता फैलाने के लिए अपने बैट और जूतों पर इजराइल-हमास जंग से जुड़े मैसेज लगाने की अनुमति मांगी थी।
लंबे समय तक खासगी पक्षपात के लिए चर्चा में रहे ख्वाजा का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आया है। वनडे सीरीज के बीच बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दौरान उन्होंने अपनी फरमाइश को लेकर अज्ञात सीमा को पार करते हुए एक छवि प्रदर्शित की है और इस पर वैश्विक फिटनेस के अदम्य तालमेल को बनाये रखने के लिए चरम में आए हैं।
जिस रूप में ख्वाजा ने ICC को अपनी इजाजत के लिए इस अपील की थी, उससे खुद ICC असहमत रही है। इससे पहले भी ICC ने उनकी मांग की जांच कराई थी और उन्हें तारीफ की भी थी, लेकिन अब उनके ईमानदारी और महत्त्व को छेड़ने की जरूरत को महसूस किया गया है। ख्वाजा के मांगों को खारिज करने से पहले ICC ने उन्हें एक अदालती प्रक्रिया के मत में रखा और उनकी विचारधारा के खातिर पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत किया था।
ख्वाजा के ऐसे मामलों में आपत्ति से ज्यादा पहले कुछ समझने की कोशिश अपेक्षित है। हालांकि, ख्वाजा ने पहले टेस्ट में अपने बैट और जूतों पर इजराइल-हमास जंग से जुड़े मैसेज लगाने का विवाद खड़ा कर दिया था। ICC ने उनको फटकार लगाई थी और उनकी मांग को खारिज कर दिया था।
ख्वाजा के मामले में इज्जत बनाए रखने की मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाना संघर्ष में उनकी बदलती छवि को कमजोर कर सकता है। अब यह देखा जाना चाहिए की क्या ख्वाजा इस मुद्दे के लिए कठोर इनाम पाएंगे या फिर खो देंगे। कुल मिलाकर, ICC द्वारा ली गई इस निर्णय की राइट मूव करने से ख्वाजा सबको साबित करने की कोशिश में हैं, पर क्या वे इस संघर्ष में सफल होंगे, यह समय ही बताएगा।