कानपुर में हाईग्रेड फीवर के कारण लिवर के एंजाइम बढ़ रहे हैं, जिससे रोगियों को पीलिया हो सकती है। इस मामले में पांच सौ रोगी मिले हैं और इसके साथ ही डेंगू के 45 मरीज भी पाए गए हैं। कानपुर के अस्पतालों में हैलट की इमरजेंसी में 40 रोगी भर्ती किए गए हैं। इन रोगियों के साथ साथ बुखार के लिए उनके लिवर में भी कई समस्याएं हो रही हैं। दो रोगियों की मौत भी हो गई है, जिनमें से एक के बीपी गिर गया था।
उर्सला अस्पताल में भी हाईग्रेड फीवर के साथ गले का संक्रमण देखा गया है। इस रोग के कारण हैलट और उर्सला अस्पतालों में साढ़े छह सौ रोगी हाईग्रेड फीवर से पीड़ित हो रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, बुखार के रोगियों के लिवर एंजाइम बढ़ रहे हैं, जिससे इन लोगों में पीलिया की समस्या हो रही है। ये पीलिया रोग गंभीर हो सकता है और इससे रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति में गंभीर बदलाव आ सकता है।
ये स्थिति अत्यंत चिंता का विषय है और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी अस्पतालों को सतर्क रहने की निर्देश दिए हैं। उन्होंने अस्पतालों को हाइजीन को बढ़ाने और उच्च तापमान के अंतरालों पर ध्यान देने की सलाह भी दी है। इसके साथ ही जनता से भी ये अपील की गई है कि वे स्वच्छता और सामाजिक दूरी का पालन करें और यदि उन्हे बुखार या लिवर संबंधी कोई लक्षण नजर आएं तो वे किसी अस्पताल में तुरंत चेकअप कराएं।
हाईग्रेड फीवर और पीलिया के प्रति जागरूकता और पूरी सतर्कता के साथ कानपुर के लोगों को इन बीमारियों से बचने के आवश्यक कदम उठाने जरूरी है।
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