र्च के बाद मेडिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने जीन थेरेपी द्वारा इन महिलाओं की समस्याओं का समाधान निकाल लिया है। मामले की जानकारी के मुताबिक, ये महिलाएं पहले ही गर्भ पाने की समस्या से जूझ रही थीं। हालांकि, उनके गर्भ में उत्पन्न शिशुओं के बीमारियां न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, कार्डियक डिफेक्ट, और डाउन सिंड्रोम की थीं। पूर्ववर्ती दवाओं के इलाज के बावजूद, उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
इन मामलों के समाधान के लिए बीएचयू के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर ने इन महिलाओं को रेफर किया। वैज्ञानिकों की रिसर्च के बाद, उन्होंने जीन थेरेपी का उपयोग करके इन महिलाओं को उनकी समस्याओं से मुक्त कर दिया। यह जीन रिसेप्टर में हुई म्यूटेशन के कारण हुई थी, जिसके कारण उन्हें फोलिक एसिड और विटामिन B-12 की कमी हो रही थी।
जीन थेरेपी एक नई तकनीक है जिसका उपयोग गर्भ में उत्पन्न हो रही समस्याओं के ट्रीटमेंट के लिए किया जा रहा है। इसके माध्यम से, वैज्ञानिक रोग के कारण हो रही गलतियों को सुधार सकते हैं और विभिन्न गर्भवती महिलाओं की समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। इस तकनीक के प्रयोग से इन महिलाओं को इलाज मिलने के बाद, उनकी समस्याएं ट्रीट हो चुकी हैं और वे अब स्वस्थ गर्भवती हैं।
ये मामले मेडिकल साइंस में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। जीन थेरेपी के उपयोग से गर्भ में हो रही समस्याओं का समाधान निकालना महिलाओं और उनके परिवारों के लिए आनंददायक समाचार है। जीन थेरेपी द्वारा कई ऐसे केसों में समस्याओं का समाधान निकाला जा चुका है और आने वाले समय में इसका उपयोग और भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
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