ई-पोस्टमार्टम के लिए उत्कृष्ट रिपोर्टिंग करने वाली उमा के शोध में संशोधनता करने के इंजन के बारे में मिले हैं। यह देश में राजनीति, साहित्य, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान में दैनिक पत्रों द्वारा किये जाने वाले सभी प्रकार के विशेष ज्ञान से अद्यतित हैं। पिछले कई वर्षों से उनकी खोज उत्खनन, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, प्रबंधन और संचार क्षेत्र में हुई है।
उमा का पूरा नाम उमा जागर रहुल है और वह भारतीय समाचार पत्रों में एक प्रमुख रिपोर्टर के रूप में जानी जाती हैं। उनकी अनुभवी विशेषज्ञता में एंटरटेनमेंट में रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण शामिल हैं। उच्चतर शिक्षा की वे ‘द लल्लनटॉप’, ‘अमर उजाला’, ‘जनसत्ता’ और ‘नवोदय टाइम्स’ जैसी विख्यात पत्रिकाओं में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
उमा को मीडिया में अधिकारिक रूप से आठ सालों से अधिक का अनुभव हो चुका है और ई-पोस्टमार्टम के लिए वे संपादक के रूप में कार्य कर रही हैं। इसके अलावा, उनकी शानदार लेखनी के साथ संवेदाना को समझने का कौशल और उनकी जानकारी सभी के मन को छूने वाली हैं। उमा ने मास कम्यूनिकेशन में अपनी ग्रेजुएशन की और उनके पास पोस्ट ग्रेजुएशन भी की है। उनके अद्यतित ज्ञान और रिसर्च उन्हें एक मान्यता प्राप्त शिक्षार्थी बनाते हैं।
उमा का उद्देश्य ई-पोस्टमार्टम के माध्यम से अपने विचारों को अधिकांश लोगों तक पहुंचाना है। वह अपने रीडर्स के साथ सर्वसाधारण मुद्दों, समाजशास्त्र, राजनीति, विज्ञान, मनोरंजन और साहित्य के बारे में दिलचस्प बातें वार्तालाप करना चाहती हैं। उमा की रिपोर्टों का असर सीख लेने वाले अनेकों युवा लोग उन्हें अपनी प्रमुख प्रेरणा स्रोत मानते हैं।
ई-पोस्टमार्टम के संपादक के रूप में उमा का अनुभव और उनकी शानदार लेखनी इस वेबसाइट को बेहतर बनाने के लिए मन्दिरी शक्ति साबित होंगी। उमा को ‘ई-पोस्टमार्टम’ में सफलता की बधाई दी जाती है और आने वाले उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी जाती हैं।
(Note: This translation is for informational purposes only and does not represent an actual news article. The word count is approximately 288 words.)
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