आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बनने के बाद एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने अपनी बेटी आसिफा को फर्स्ट लेडी का दर्जा देने का फैसला किया है। यह एक अद्वितीय कदम है क्योंकि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति की बेटी को फर्स्ट लेडी कहा जा रहा है।
आसिफा भुट्टो जरदारी प्रमुख मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और उनकी महिला जीवनसाथी की एकमात्र बेटी हैं। इस निर्णय के साथ, फर्स्ट लेडी नहीं सिर्फ एक सांसद या मंत्री का व्यक्तिगत है, बल्कि एक राष्ट्रपति की बेटी भी है।
फर्स्ट लेडी का मतलब होता है कि राष्ट्रपति या प्रमुख की पत्नी को दी जाती है, लेकिन इस बार पाकिस्तान में फर्स्ट लेडी का दर्जा राष्ट्रपति की बेटी को मिल रहा है। यह फर्स्ट लेडी सिर्फ काम करने के साथ-साथ सोशल और स्वास्थ्य मुद्दों पर भी ध्यान देती है।
पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी राष्ट्रपति की बेटी को फर्स्ट लेडी का दर्जा नहीं मिला था, लेकिन आसिफ अली जरदारी ने इस अद्वितीय कदम के माध्यम से एक नया इतिहास रच दिया है। उनकी यह निर्णयपूर्ण कार्यवाही सिर्फ पाकिस्तानी राजनीति में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी एक सामाजिक संदेश देता है कि स्त्री शक्ति को महत्व दिया जाना चाहिए।
आसिफ अली जरदारी ने इस निर्णय के माध्यम से एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है और दुनिया को दिखाया है कि उनकी राष्ट्रपति बनने के बाद भी वह महिलाओं के अधिकारों और स्थिति को महत्व देते हैं।
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