नई दिल्ली में डिलीवरी कर्मियों के लिए प्रवेश निषेध का नया नियम लागू हुआ है। अब डिलीवरी बॉयज को E-पास के बिना शहर के अंदर जाने की इजाजत नहीं है, और उन्हें प्रवेश के लिए काफी सख्ती से नियमों का पालन करना पड़ रहा है। इसके लिए डिलीवरी कर्मियों को E-पास बनवाने के लिए किसान भवन में जाना पड़ रहा है, जिससे काफी तनावपूर्ण माहौल बन गया है। यह नियम पुलिस द्वारा मेहनतकशों को E-पास जारी करने के लिए कहा गया है और इससे बिना पास के शहर में प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है। इसके कारण मज़दूरों और मजदूरी कर्मचारियों को काफी समस्याएं हो रही हैं, क्योंकि उन्हें प्रवास करने में कठिनाई हो रही है।
गतिरोध के उदय के बाद सरकार द्वारा लिया गया यह नियम हमारे शहर में काम करने वाले लोगों के लिए एक नया चुनौतीपूर्ण पहलू है। उन्नत वाहन संचालन एवं वितरण प्रणालियों के बीच डिलीवरी कर्मियों का कार्य काफी महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए सरकार ने इन्हें प्रवेश निषेध के द्वारा योग्यता एवं सुरक्षा प्राप्त की है। लेकिन इससे कुछ लोगों को परेशानी भी हो रही है, जो अपनी मजदूरी के लिए नगर के अंदर घूमने की जरूरत होती है।
इस नई पहल के चलते, डिलीवरी कर्मियों को किसान भवन में आकर अपना E-पास बनवाना पड़ रहा है। लेकिन किसान भवन में इससे पहले ही भीड़ जमा हो रही है, जो तनावपूर्ण स्थिति का कारण बन रही है। इस नियम के ओरवर्ती व्यापारों की संख्या भी घट रही है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे E-पास तैयार करने वाले लोगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने काम पर इतना ध्यान नहीं ज्यादा दिया जा सकता है। इसीलिए इसे सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक है। इससे युवा मज़दूरों और कर्मचारियों को कठिनाई भी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि इन्हें अपनी उम्र के बावजूद E-पास बनवाना पड़ रहा है। इसके चलते इन्हें अधिक समय और मेहनत करनी पड़ रही है, जो उनकी मेहनत के हको को कम कर रहा है।
अधिकारियों और अनुशासनपूर्ण नियमों के बीच, शहर में काम करने वाले लोगों को अपनी जरूरतों के लिए समय पर अनुमति मिलनी चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बिना किसी परेशानी के अपने काम पर जा सकें और उनकी आर्थिक दशा भी प्रभावित न बनें।
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