जापान ने भारत के साथ महत्वपूर्ण संयुक्त मानव रूपांतरण परियोजना का आयोजन किया, सहयोग करने के लिए डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) संगठन के साथ। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य विशेष परिस्थितियों के लिए रूपांतरण तकनीक का विकसित करना था। दो दिन की उत्कृष्ट चर्चाओं और योगासन शिविर के दौरान, जापानी और भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव को साझा किया। इस मानव रूपांतरण परियोजना ने विजनरी और नवाचारी सोच वाले लोगों के लिए एक अद्वितीय अवसर साबित होने का वादा किया।
जापान के वैज्ञानिकों और भारत के संशोधकों ने इस संयुक्त परियोजना में अपने मानव बुद्धि की शक्ति को एकत्र करने का प्रयास किया। इस साझाएभागी के माध्यम से वे अभियान के सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए एकसाथ काम कर रहे हैं।
इस संयुक्त परियोजना में विभिन्न विषयों पर चर्चाएँ और योगासन शिविरों के आयोजन के माध्यम से वैज्ञानिकों ने अपने गहन विचारों का दायरा विस्तृत किया। इसके साथ ही, यह परियोजना कुछ नए और प्रोग्रेसिव रूपांतरण के संभावनाओं को भी उजागर करने के लिए एक माध्यम बन गई है।
इस संयुक्त परियोजना का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह एक नए सोच को प्रोत्साहित करने का साधन बन रहा है। जिससे वैज्ञानिकों ने एक नए दृष्टिकोण से रूपांतरण की तकनीक को विकसित करने के लिए प्रेरित किया है।—
इस परियोजना ने एक नए साझा दृष्टिकोण को उजागर किया है और एक नए सोच को प्रकट करने के लिए एक माध्यम बनाया है। इसके माध्यम से, वैज्ञानिकों को रूपांतरण की तकनीक को विकसित करने के लिए एक नया उत्साह मिला है।
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