निपाह वायरस के खिलाफ एक एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने की है। निपाह वायरस भारत के केरल राज्य और एशिया के कई हिस्सों में फैल चुका है। यह वायरस आपके दिमाग को प्रभावित करके रोगी की मौत तक जा सकता है। अब तक निपाह वायरस के लिए कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है।
इस ट्रायल के पहले चरण में प्रतिभागियों को वैक्सीन की डोज दी गई है। निपाह वायरस से प्रभावित 51 रोगियों के साथ यह ट्रायल किया जा रहा है। इसमें लोगों की सुरक्षा और इम्यून प्रतिक्रिया को मापा जाएगा। इस ट्रायल को कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयरनेस इनोवेशन ने महत्वपूर्ण कदम बताया है। इस अध्ययन का व्यय ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप और सीईपीआई द्वारा किया जा रहा है।
केरल राज्य के पिछले साल निपाह वायरस ने अचानक ही अपनी चपेट में ले लिया था। इसमें छह लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से कुछ मर भी गए थे। इसलिए निपाह वायरस के प्रभावी उपचार की उम्मीद जगी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन में और ट्रायल करने की जरूरत है क्योंकि निपाह वायरस के प्रतिरक्षा विरुद्ध लड़ाई में यह बहुत महत्वपूर्णी भूमिका निभा सकती है।
यह बात स्वीकार की जा रही है कि निपाह वायरस के प्रभावी इलाज की तलाश में इस ट्रायल की जरूरत हुई है। निपाह वायरस एक संक्रामक रोग है जो मनुष्य में बेहद हानिकारक हो सकता है। इसलिए निपाह वायरस के खिलाफ ऐसी वैक्सीन का विकास महत्वपूर्ण होगा जो लोगों को सुरक्षित रख सके।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल से निपाह वायरस के प्रतिरक्षा के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त होगी। उनका आशय है कि निपाह वायरस संक्रमण से प्रभावित देशों को इस वैक्सीन के ट्रायल करने का एक सुनहरा मौका मिलेगा।