मणिपुर हिंसा को लेकर गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। सीएम गोगोई ने शपथ लेने के बाद ही मणिपुर की हिंसा के मामले में गंभीरता से मांग की थी और एक तारीख तय करने के बाद सरकार ने मणिपुर की हिंसा को लेकर गोगोई के अविश्वास प्रस्ताव को संघ की तरफ से स्वीकार किया था। विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की थी और इसके बाद सप्ताहीय बैठक आयोजित की गई।
गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर में हिंसा प्रदर्शन बिना आवश्यकता के डबल इंजन सरकार के द्वारा नाकाम रही है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस सरकारों को लापरवाह रवैये के लिए जिम्मेदार ठहराया। विपक्ष ने मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाने को मजबूर चुना है। बीजेपी के नेता निशिकांत दुबे ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है। किरेन रिजिजू ने इस पर विपक्ष के गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है।
मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिष्ठा में सत्यता रखते हुए पूर्वोत्तर राज्यों में विकास की गति को तेज करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों से अलग थे।
गौरव गोगोई ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने मणिपुर की समस्याओं को काफी समय तक नजरअंदाज कर दिया है और यह उनके लापरवाह रवैये की वजह से है। वे इसके लिए कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव के आदान-प्रदान के बाद आज संसद में मतदान किया जाएगा। गौरव गोगोई इस मतदान में अपना स्थान मजबूत करने का अपेक्षण कर रहें हैं।
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