पीएम मोदी ने आज संसद के विशेष सत्र के पहले दिन एक भाषण देकर देश के प्रमुख नेताओं का श्रद्धांजलि दी। उन्होंने संसद में प्रवेश करते हुए जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक के महान नेताओं का ज़िक्र किया।
पीएम मोदी ने विशेष सत्र में इतिहास को याद करते हुए जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री रह चुके हैं और इन्होंने देश को आजादी का दिन दिया। उन्होंने नेहरूजी की धैर्यवान और उदार व्यक्तित्व की सराहना की और उनके योजनाओं के बारे में बताया।
इंदिरा गांधी की भी प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने देश की वाणिज्यिक ऋणों को माफ करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था, जो देश की अर्थव्यवस्था को हड़काने में सहायता करी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की गरीबी को कम करने के लिए कई कदम उठाए, जैसे कि गाँधीराज, निजी सेक्टर में लॉन्च होने वाले स्वरोजगार योजनाएं और किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए किये गए कठोर नियमों को कम करने के लिए।
पीएम मोदी ने संसद भवन की ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यह इंसानियत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण भाग है और यहां बड़ी और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने उदाहरण के रूप में संविधान सभा की स्थापना को और संविधान के पास कई महत्वपूर्ण कार्यकारी शक्तियों को सौंपने को उठाया।
इस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, जैसे कि देश के आर्थिक स्थिति, विकास कार्यक्रम, जनता के हितों के बारे में। वे इस विशेष सत्र को सफल बनाने के लिए सभी सदस्यों की सहयोग की अपील की।
यह सत्र देश की जनता के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सर्कार और विपक्ष एक साथ बैठकर देश की मुद्दों पर चर्चा करते हैं। यहां विधान की मदद से नये कानून बनाए जाते हैं और देश के विभाजन संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। इसके अलावा संसद भवन की ऐतिहासिक महत्वपूर्ण उपलब्धियों का परिचय भी पीएम मोदी ने किया और सभी सदस्यों को संसद भवन की सुरक्षा की भी चिंता व्यक्त की।
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