पीरियड्स के दौरान महिलाओं को यूटेरस की लाइनिंग टूटने के कारण ब्लीडिंग होती है, जिसके दौरान क्लॉट्स भी आ सकते हैं। इन क्लॉट्स को मेंसुरल क्लॉट कहा जाता है। अधिक ब्लीडिंग की वजह से मेंसुरल क्लॉट्स बन सकते हैं। क्लॉट्स के बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे पीसीओएस, हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रोइड्स आदि। इस समस्या का इलाज हार्मोन्स की मदद से किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को अगर हाईवी ब्लीडिंग, तेज क्रैंप्स और बड़े क्लॉट्स का सामना होता है तो डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। यह समस्या अगर गंभीर हो जाए तो लक्षण जैसे अत्यधिक ब्लीडिंग, अनाहार्य दर्द या तेज दर्द का सामना हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इस समस्या को दूर करने के लिए हार्मोन्स का सहारा लेना आमतौर पर काफी प्रभावकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा अन्य उपाय भी मददगार साबित हो सकते हैं जैसे आहार, योग और नियमित व्यायाम।
महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अब इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं और स्वस्थ रह सकती हैं।
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