डॉ. तरुण साहनी ने बताया कि मंप्स होने पर सलिवरी ग्लैंड की अधिक सूजन होती है। मंप्स एक वायरल इंफेक्शन है जो आम तौर पर बच्चों में होती है, लेकिन यह भयानक तौर पर बड़ों में भी हो सकती है। यह एक छूत के माध्यम से होती है और एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैल सकती है।
मंप्स के लक्षणों में तेज बुखार, कांपना, ठंड लगना, बहती नाक और घना खासी शामिल हो सकते हैं। कुछ लोगों को मंप्स के कारण टेस्टिकल्स में दर्द या असुविधा भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए मंप्स वैक्सीन का उपयोग किया जा सकता है।
डॉ. साहनी ने बताया कि मंप्स का इलाज आमतौर पर घर पर ही किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता हो सकती है। मंप्स के खिलाफ भारत सरकार ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया है ताकि इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सके।
अगर आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार कराएं। जानकारी के अनुसार देश के कई राज्यों में मंप्स के मामले दर कितनी हादसेवादी हैं।
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