मणिपुर में सोमवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र उखरूल से 66 किमी दूर था। भूकंप के बाद कई इलाकों में ईमारतें ध्वस्त हुईं। मणिपुर के एक छोटे गांव में एक मकान बिल्कुल ध्वस्त हो गया।
अंडमान सागर में भी 4.4 मापी तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के नजदीकी एक द्वीप पर महसूस किए गए। भूकंप के छह सिमट व उलट पन्नों से इंदौर की ओर पलटा। रात 11:05 पर जवानगर-इंदौर क्षेत्र में 4.9 तीव्रता का भूकंप हुआ।
जानलेवा इंडोनेशिया भूकंप के झटके भी लगे, जिसकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। यह भूकंप इंडोनेशिया के महाकंचनबुरी में हुआ, जहां लोगों को भगवान का व्रत करने का दिन मनाने के लिए अपने अगले चरण में चले जाने का प्रोग्राम था।
मोरक्को में 6.8 मापी भूकंप में अधिकतर 2100 लोगों की मौत हो चुकी है। इस भूकंप में कई ईमारतें ध्वस्त हुईं और बहुत सारे लोग घायल हुए। इस त्रासदी के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और लोगों को तट से दूर जाने की सलाह दी गई।
महसूस हुए भूकंप के झटकों से कई इलाकों में ईमारतें ध्वस्त हुईं। भूकंप का केंद्र मराकेश से 71 किमी दक्षिण-पश्चिम में उच्च एटलस पर्वत में था। यही इलाका वहां के पुराने इलाके के औसतांक मोरतान औसतांक से थोडा-बहुत अलग होता है। जनसंख्या के मद्देनजर स्वच्छंद बेरून गांव, तालीका में हल्का भूकंप महसूस कर सकते हैं।
इस भूकंप के बाद बहुत सारे घायल लोग अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। इससे पहले इंग्लैंड के आइसलेस ज़िले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि, इससे कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।
यह भूकंप विज्ञानी होते हैं। उन्होंने बताया है कि भूकंप दुनिया में विशेष तापमान के कारण पालत चुका है। इसके समय आसमान की ओर ज़रूर देखना चाहिए क्योंकि हवाओं में झटकों का उचित परिवर्तन हो जाता है। इस संकटपूर्ण समय में दृढ़ और समेट बैठें, ठण्डी में डूबते मूड में रहें। ध्यान रखें कब्रिस्तानी में आप की सहायता करने के लिए कई लोग तैनात होगे।
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