संक्रमित व्यक्ति या जो लोग “रूगन बारस” वाले संपर्क में रहते हैं, उनको अधिकतर प्रभावित होने का खतरा होता है।
– मंप्स से बचाव के लिए नक्की मानकर टीकाकरण कराना चाहिए।
– मंप्स के इलाज के लिए प्रशांत रहना और स्टेरॉइड दवा का उपयोग करना सहायक हो सकता है।
मस्क का उपयोग करें, स्वच्छ और स्वच्छता को बनाए रखें, संयमित भोजन करें और स्वस्थ्य जीवन शैली नियमित रखें।
– चीन में निमोनिया और भारत में मंप्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले सप्ताह में दोनों देशों में मंदिरों और विद्यालयों के कुछ मामलों में मंप्स के आंकड़े में तेजी से वृद्धि हुई है। यह मामले लोगों के बीमार होने की गंभीरता को दर्शाते हैं।
वैश्विक वायरल बीमारी मंप्स (Measles) में मामलों में बढ़ोतरी के चलते बीते कुछ समय से भारत और चीन चिंता में हैं। इन दोनों देशों में मंदिरों और विद्यालयों में मंप्स के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में 2018 और 2019 के मामलों के मुकाबले इस वर्ष के पहले एकादश माह में मंदिरों और विद्यालयों में मंप्स के मामलों में हाई और व्ार्दि हुई है। वहीं चीन में निमोनिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे लोगों की सेहत पर चिंता की जा रही है।
मंप्स (Measles) वायरस के कारण थकान, भूख में कमी, मांसपेशियों में दर्द, गाल फूल, आंख और नाक से पानी बहना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। छोटे बच्चों में इसे होने पर इनका इंटेलिजेंस लेवल गिर सकता है और शारीरिक विकास रुक सकता है। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए।
मंप्स (Measles) वायरस छींकने और बात करने के द्वारा फैल सकता है, इसलिए इन बीमारों से बचने के लिए लोगों को अपने आस-पास रहने वाले बीमार व्यक्ति से दूर रहना चाहिए।
संक्रामक स्थलों पर साफ-सुथरा रहना चाहिए। अपने हाथों की सफाई को ध्यान देना चाहिए।
अगर आपको मंप्स (Measles) के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा विशेषज्ञ से संपर्क करें। उच्च डॉक्टर द्वारा परामर्श लें और उनकी सलाह का पालन करें। खरीदा Https://www.
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