बेटे ने सरकारी मंत्रालय का दावा किया
प्रिय उपयोगकर्ताओं के लिए लाजवाब समाचार। चुनाव पूर्व में टीटी को मंत्री बनाया गया था और उन्हें विभाग भी आवंटित किया गया था। टीटी को 30 दिसंबर को राज्यमंत्री मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था।
टीटी को कृषि विपणन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग तथा अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग दिए गए थे। लेकिन उन्होंने इन विभागों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। चुनाव स हित इस सीट पर उत्सर्गित किया गया था क्योंकि तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह का निधन हो गया था। गुरमीत सिंह के बेटे रुपिंदर सिंह ने इस सीट पर चुनाव जीता है।
बेटे रूपिन्दर सिंह ने उनके पिता के कामकाज जारी रखने का आश्वासन दिया है। उन्होंने इस संबंध में कहा, “मेरे पिताजी की मृत्यु के बाद, मैंने उनके काम को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के समक्ष देखा है। उनकी क्षेत्रीय प्रशासनिक योग्यता और संबंधों की बदौलत ही मुझे नई सरकारी सेवाओं का दौरा करना पड़ा है।”
रूपिन्दर सिंह ने अपनी पित्ता की याद में एक शपथ दिया है, जिसमें उन्होंने अपने द्वारा पूरी ईमानदारी और परम्परागत मोहितों के माध्यम से लोगों की सेवा करने का वादा किया है।
मामला सोतम विभाग की भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी है, जहां अल्पसंख्यक मामलों में बहुत सामान्य कोट्सित किए जाते हैं। टीटी के इस कार्यकाल में कोट्सित न करने का निर्णय एक मुश्किल काम नजर आता है।
सोतम विभाग के अधिकारियों के इन निर्देशों के मुताबिक, टीटी के कार्यकाल के दौरान एक नई नीति खोरीयों को कोट्सित करने के लिए शुरू की गई है। इस नई नीति में उनकी प्रशासनिक क्षमता का पर्यायी शोध किया जा रहा है।
यह बड़ी खबर है और राज्यसभा के लिए महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि कृषि विपणन की जरूरत को देखते हुए सरकार ने टीटी को इस विभाग का दावा करने का फैसला किया है। इससे पहले इस विभाग को इंदिरा गांधी नहर विभाग को सौंपा गया था।
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