लीबिया के डेरना शहर में बाढ़ का कहर जारी है। इस आपदा की वजह से करीब 20 हजार लोगों की जान गंवा चुकी है। इसके अलावा पूर्वी लीबिया के अन्य शहरों में भी बाढ़ की वजह से 100 लोगों की मौत हो गई है। इस आपदा के परिणामस्वरुप, सात हजार लोग घायल हो चुके हैं और 10 हजार लोग लापता हैं। डेरना शहर में यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि 40 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित करना पड़ा है। बांध ढह जाने की वजह से डेरना शहर बर्बाद हो गया है।
इस कठिनाई में लीबिया के सहायता कर्मियों ने मृत पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बरामद किया है। यह कहा जा रहा है कि लीबिया में यह बाढ़ देश के आधुनिक इतिहास की सबसे घातक पर्यावरणीय आपदा है। इस आपदा ने लीबिया की पहले ही कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी तोड़ दिया है। यहां रहने वाले लोगों काफी पीड़ित हैं और सरकार को उनकी मदद करनी होगी।
लीबिया प्रशासन की मदद के लिए पात्र मददरत राष्ट्र और अन्य संगठन भी लग गए हैं। लीबिया में बाढ़ होने का मुख्य कारण है देश में चल रहे संघर्षों और विभाजन का परिणाम है। नाटो के समर्थन में शुरू हुए अरब स्प्रिंग विद्रोह के बाद से लीबिया विभाजित हो गया है और मिलिशिया संघर्ष से घिरा हुआ है। इससे देश का विकास रुका हुआ है और आपदा से पीड़ित लोगों की सम्पूर्ण सहायता और सुरक्षा का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार, लीबिया में बाढ़ की वजह से डेरना शहर में 20 हजार और पूर्वी लीबिया के अन्य शहरों में 100 लोगों की मौत हो चुकी है। सहायता कर्मियों ने घायल और लापता लोगों की मदद करते हुए, बाढ़ की वजह से बर्बाद हुए डेरना शहर की घटनाओं का विवरण दिया गया है। इस साथ ही, लीबिया में बाढ़ की आपदा के पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर भी बात की गई है। इसके अलावा प्रदेश में हो रहे संघर्षों की मुख्य जड़ बतायी गई है और लीबिया को आपदा से बचाने के लिए संबंधित नीतियों को सक्रिय किया जाने की मांग उठाई गई है।
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