व्हूपिंग कॉफ (पर्टसिस) के मामलों में चीन में 20 गुणा बढ़ोतरी
व्हूपिंग कॉफ, जिसे पर्टसिस भी कहा जाता है, विश्व भर में बढ़ते हुए चिंता का कारण बन रहा है। चीन ने जनवरी और फरवरी महीने में किए गए केसों में पिछले वर्ष की समय सीमा के मुकाबले व्हूपिंग कफ केस की गुणा 20 गुणा बढ़ोतरी रिपोर्ट की है।
अश्वस्थता काबिल- धीरे-धीरे कम होने पर व्यक्तियों को सभी उम्र के लोगों पर असर डाल सकती है। वैक्सीन की दीर्घकालिक प्रभावक्ता कमजोर होने का मुद्दा चीन में बढ़ रहे मामलों का मुख्य कारण माना जा रहा है। चीन में डिफ्थेरिया, टेटेनस और पर्टसिस (डीटीपी) वैक्सीन का उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण चुनौतियों का सामना कर रहा है।
एक एक्सपर्ट कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बोर्डेटेला पर्टुसिस जीवाणु में म्यूटेशन के चलते व्हूपिंग कफ ने प्रकोप बढ़ा दिया है जबकि यूरोप में व्हूपिंग कॉफ के पुनरुद्धार की रिजर्वेशन भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में 20.5 मिलियन बच्चों ने अपने डीटीपी वैक्सीनों के एक या एक से अधिक खो दिया।
डिजी (एनओ2) और ओजोन में वृद्धि के साथ एक बार के उच्च मासिक कार्बन डाईऑक्साइड और ओजोन के सम्बंधित सुधार के साथ सर्जरेस करती है। ये सभी घटनाएं व्हूपिंग कॉफ के मामलों में बढ़ती चिंता का कारण बन रही है।
चीन में व्हूपिंग कफ के मामलों में वृद्धि के संदर्भ में यह चिंता बढ़ रही है कि क्या उसकी सरकार सही कदम उठा रही है या नहीं। आखिरकार, स्वास्थ्य में लापरवाही की कीमत भूगोलिक समृद्धि से भी महंगी हो सकती है।
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