विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस 2023 पर एक रोचक चर्चा हुई है। इस दिन को जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक अवसाद जैसा रोग है जो बोन मास डेंसिटी (बीएमडी) में कमी के कारण होता है। यह रोग हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ाता है।
डॉ. उमा कुमार, जो रुमेटोलाजी विभागाध्यक्ष, एम्स, नई दिल्ली हैं, इस विषय पर चर्चा की हैं। उन्होंने बताया कि इस रोग के मुख्य कारण महिलाओं में हार्मोन स्तर की अनियमितता होती है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजेन स्तर कम होने से यह रोग बढ़ता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होने से यह रोग बढ़ता है।
इस रोग के कारण शारीरिक निष्क्रियता, कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी, धूम्रपान और अधिक अल्कोहल सेवन आदि हो सकते हैं। बोन मास डेंसिटी में घटाव के कारण तबाही पैदा हो सकती है।
डॉ. कुमार ने बताया कि शुरूआती अवस्था में इस रोग के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए बहुत से लोग इसके बारे में अवगत नहीं होते हैं। जब यह रोग पक्का हो जाता है तो लोगों को हड्डियों के बारे में परेशानियां होती हैं। एक बार इसे पकड़ जाता है तो व्यक्ति को चलने में भी परेशानी होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए कुछ सावधानियां अपनाई जा सकती हैं। खाद्य में कैल्शियम, विटामिन-डी, फाइबर, फोलेट और जिंक को शामिल करने से इस रोग से बचा जा सकता है। इसके अलावा योग, व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने से भी यह रोग दूर जा सकता है।
इन सबकी भूमिका निभाते हुए डॉ. उमा कुमार ने कहा है कि हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। यह रोग हर उम्र के लोगों को हो सकता है, इसलिए सबको इसके बारे में जागरूक होना चाहिए।
यह ऑस्टियोपोरोसिस दिवस हर साल आयोजित होता है और लोगों को इस रोग से बचने के तरीकों के बारे में जागरूक करता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हमें इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
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