अपराध की घटना ने जनता को हिला दिया है, उसके बारे में आधिकारिक जांचारी प्रक्रिया शुरू और मुद्दा स्थानीय अदालत में प्रेसिडेंट के सामने प्रस्तुत होने के बावजूद कार्रवाइयों की गंभीरता के मामले में है। बाद में अपराध मामले की जांच के दौरान मामले की गम्भीरता और मुद्दे को तुलना करने में और बढ़ गयी। इस प्रकार, बड़ा प्रश्न है कि क्या ऐसे प्रकार के कार्रवाइयों से दिलचस्पियां उठी जा सकती हैं जो उस वक्त में इसके दरवाजे से आई ख़बरों का अंधाधुंध टोटा कहा जा सकता है। अधिक जानकारी की उम्मीद भी अवश्य है और इस अपराध मामले की जांच की अधिक चर्चा की जा सकती है, मामले में एक्सक्लूसिव अपडेट देने के लिए सुनिश्चित किया जा सकता है। प्रश्न किसलिए बड़े गठजोड़ में ले जाये सकता है, दरअसल यह कानून के आदन प्रदान करने के लिए एक सवाल हो सकता है कि क्या सुनियोजित कार्रवाइयों का कार्य भी यही माने गए हैं? विचार हो सकता है कि इस मामले में कुछ आपत्ति उठाने वाली बातें भी हैं, जिन्हें उच्च न्यायालय या किसी अलगाववेशी अदालत द्वारा देखा जाना चाहिए। तथापि, इस सीमा तक कि एकराम मामले में कैसी सजा की संभावना है, इस बात पर स्पष्टता नहीं है। सुनियोजित और विचार किया जा सकता है कि इस मामले को न्यायिक प्रक्रिया में आगे ले जाने वाली एक सर्कस्तानी की संभावना ज्यादा हो सकती है, जो मामले की एक मेच्योर पार्टी के मुकाबले में हो सकती है। इस वक्त, यह मामला पुरी तरह से दिलचस्पियों से भरा है और जो कुछ आगे हो सकता है, वह अवश्य देखने लायक होगा।
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