मणिपुर में उग्रवादियों के हमले जारी हैं। बुधवार को राज्य के मोरेह कस्बे में उग्रवादियों ने पुलिस चौकी पर हमला किया। इस हमले में एक पुलिस जवान की मौत हो गई और एक जवान की भी शाम को इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा टेंग्नौपाल जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए एक और हमले में दो अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। इन हमलों के बाद राज्य सरकार ने मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की है। साथ ही सैनिकों-हथियारों को हवाई मार्ग से भेजने का आग्रह भी किया गया है।
यहां बताया जा रहा है कि मृतक पुलिसकर्मियों की पहचान वांगखेम सोमोरजीत और ताखेलंबम शैलेश के रूप में की गई है। उग्रवादियों ने मोरेह कस्बे में एसबीआई के पास सुरक्षा बलों की एक चौकी पर बम फेंके और गोलीबारी की है। इसके अलावा उग्रवादियों ने अस्थायी कमांडो पोस्ट पर आरपीजी गोले दागे, जिससे कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
48 घंटे के बाद संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की चौकी पर फिर से हमला किया, जिनमें एक महिला की मौत हो गई है। इसके बाद मणिपुर सरकार ने टेंग्नौपाल क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। इस पर पुलिस बल तैनात किया जा रहा है ताकि उग्रवादियों को पकड़ा जा सके।
उग्रवादियों के हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी ताड़तोड़ से जवाब दिया है। इस्तीफे देने का आदेश भी जारी किया गया है ताकि उग्रवादियों को खोज-पकड़ा कर न्यायिक प्रक्रिया में शामिल किया जा सके। मणिपुर सरकार और सुरक्षा एजेंसियां उग्रवादी समस्या को नाकाम करने के लिए एकजुट हो रही हैं और कार्रवाई के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। इससे पहले भी मणिपुर में उग्रवादियों के हमले देखे जा चुके हैं, लेकिन सरकार ने इस पर तत्परता से प्रतिक्रिया दी है।
मणिपुर राज्य ने उग्रवादियों के खिलाफ करीब 300 आरोपियों का नामांकन किया है और विभाजनीय संघर्ष दल के नेता राकेश कुमार सिंह और उसके करीबी आरोपियों को विशेष रूप से पकड़ने के लिए भी बड़ा पुख्ता प्लान तैनात किया है। उग्रवादी समस्या को सभी राज्यों में गंभीरता से लिया जाना चाहिए और अभी की तुलना में फिलहाल मणिपुर उग्रवादी समस्या में सबसे बड़ा खतरा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मणिपुर सरकार और सुरक्षा बल तत्परता से काम कर रही हैं ताकि उग्रवादियों को रोका जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मणिपुर की जनता इस समस्या के खिलाफ एकजुट होकर उग्रवादियों को चुनौती देने के लिए तत्पर रही है। यही वजह है कि सभी वर्गों में उग्रवादी समस्या को खत्म करने के लिए मणिपुर सरकार की स्वच्छता शल्यक्रिया हो रही है।
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