उत्तराखंड के सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के एक हिस्से के ढहने से 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। इस दुर्घटना के बाद सरकार द्वारा श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, श्रमिकों को निकालने में एक-दो दिन की समय लग सकती है। इसी संदर्भ में सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों से जानकारी ली है और केंद्रीय सरकार की मदद के लिए अपील भी की है। यहां तक कि रेल मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस विषय में संपर्क किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के लिए ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जा रहे हैं। हमारे साक्षात्कार के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी मजदूर सुरंग के अंदर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।
अभी तक 40 मीटर से ज्यादा सुरंग से मलबा निकाला गया है, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंघ धामी हर घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ले रहे हैं। इस दुर्घटना के दौरान फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है और रविवार मध्यरात्रि के बाद मजदूरों को पेयजल और खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं।
इस कार्य में तमाम एजेंसियां और एक्सपर्ट भी शामिल हैं। नगर निगम, बीएसएनएल, एनआईटी, और सीआईडी जैसी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं। श्रम सचिव राजीश भट्ट ने दिए गए बयान में कहा है कि बेसिक हेल्थकेयर सुरक्षा प्रदान की जा रही है, और श्रमिकों के परिजनों को भी जानकारी दी जाएगी।
दुर्घटना ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। जनता और स्थानीय नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेकर उठाया है। उन्होंने इस मामले की तत्परता साबित की है और मदद के लिए आगे आने की बात कही है। अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार की मदद से श्रमिकों को जल्दी बाहर निकाला जा सकेगा और इस दुर्घटना से टकराव यातायात की समस्याओं पर भी निधारित किया जा सकेगा।
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