इजरायल के एक आउटसाइडर न्यूज चैनल ने एक महत्वपूर्ण खबर दी है। उसने बताया है कि इजरायल के लोगों को हमास द्वारा बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया था। यह वाकई दुखद है कि एक ऐसे गंभीर मामले में भी यहां के लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है। राहत के बाद जब लोग अपने परिजनों से मिलने गाजा वेश नगर में पहुंचे, तो उन्हें यह दुखद सच्चाई पता चली कि उनके परिजनों की मौत हो चुकी है।
समाचार में दिया गया और भी एक महत्त्वपूर्ण खबर यह है कि बंधकों को काफी कम आहार दिया जाता था। उन्हें सिर्फ थोड़ा चावल और ब्रेड मिलता था। वे बाथरूम जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। परमाणु शक्ति विकास संगठन ने दुनिया को दिखाया कि आप किस हद तक क्रूरता और न्यायहीनता में जा सकते हैं।
रिहा हुए लोगों में ज्यादातर का वजन कम हो गया है। यह इस बात की खबर देने के लिए शर्म की बात है कि ऐसे प्रमुख देशों में भी अब सामरिक कर्मी लोगों को ऐसे बुरा बहुमत देना पड़ रहा है। अतः इसे जानकर हमें शर्मिंदगी का एहसास होना चाहिए।
इस के साथ ही दूसरे एक बड़े जख्म की खबर की भी बात है और वह है कि चुदवाए गए मां-बाप और चाचा-चाची ने अपनी हत्या की खबर मिली है। यह सच्चाई हमें प्रस्तुत करने का एक और तरीका है कि गाजा में गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। आप खुद सोचिए कि आप बच्चे का हत्यारा-चेहरा देखने के बराबर कोई बेसर दुनिया नहीं हो सकती।
इसके साथ ही, हमें दूसरी खबर भी देनी चाहिए कि रिहा हुए लोगों के बारे में कुछ कहने वालों को पलटीक चटाई पर सोने के लिए मजबूर किया जाता था। यह निरंतर हुई दुर्योधन ताकत के नेता के प्रतिशोध का एक और नमूना है। इसे जानने पर ये तो लगता है की उन्हें अब किसी अधिकारिक ताकत की जरूरत है नहीं है।
रहमत के बाद भी कुछ लोगों को अच्छी तरह से व्यवहार किया गया है। थाईलैंड के नौ लोगों को भी रिहा किया गया है। उन्हें अब अच्छे खाद्य सामग्री और मंशा दी जाएगी और इसलिए वहां के लोग आशा के किरण अब महसूस करेंगे। यह हर दुर्भाग्यपूर्ण घटना के साथ होता है की आपको निर्दयी लोगों को आगे बढ़ाने के लिए किसी विशेष घटना की आवश्यकता पड़ती है।
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