संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन के हूती विद्रोहियों से लाल सागर और अदन की खाड़ी में कारोबारी जहाज़ों पर हमले रोकने को कहा है। यह एक महत्वपूर्ण घोषणा है जो यमन में हाल ही में बढ़ते हूती उपद्रव में एक प्रयास है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले को रोकने के लिए यमन की सभी पकड़ सुरक्षा उपायों को कार्यान्वित करने की आवश्यकता बताई है। वहीं, अमेरिका ने भी ईरान से हूतियों की मदद करने को बंद करने का आदेश दिया है।
हाल ही में होने वाले घटनाओं के चलते हूती विद्रोहियों ने अमेरिका को चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि यमन में बढ़ते हूती उपद्रव की वजह से अमेरिका को संकट का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस घोषणा के बाद हूती विद्रोहियों की चेतावनी को लेकर अमेरिका ने अपने नुकसान से निपटने का वादा किया है। अमेरिका ने कहा है कि यह उनके राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक प्रमुख मुद्दा है और वे इसे जल्द से जल्द हल करने का निर्णय लेंगे।
यमन में हाल ही में हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सभी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे अभियांत्रिक और जहाज़ों की सुरक्षा के लिए सख्ती से काम करें। इस घोषणा के साथ ही, अमेरिका ने ईरान से मित्रता बढ़ाने और हुट्टि विद्रोहियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है। दरअसल, यमन के बढ़ते हवालाबाज़ी में इरान का बड़ा हाथ होने के कारण अमेरिका को चिंता हो रही है। अमेरिका ने कहा है कि ईरान की मदद में रहने वाले देशों की आपसी समझौते को भी खत्म किया जाएगा।
संकट में मुब्तेदी जोभत अल-अहमरी ने एक मीडिया संवाद में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अमेरिका कार्रवाई नहीं लेता है तो हूती विद्रोहियों का हमला और बढ़ सकता है और इससे यमन में और भी बड़ी संकट सितम्बर हो सकती है। इसके साथ ही, वह खुद भी ईरान से संदेह जता रहा है और कह रहा है कि यह ईरान ही है जिसका पीछा करता हुआ हाल ही में हुई एक हमले की वजह से यमन में हावी हो जाने की संभावना है। अब सभी नजरें यमन की ओर टिकी हुई हैं और लोग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के जवाबदेही और अमेरिका की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।
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