विपक्षी गठबंधन ने भाजपा को चुनावों में चुनौती देने की कोशिश की है। 26-दलों वाले विपक्षी गठबंधन ने नए राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा को कड़ी कोठी पर खड़ा करने के लिए मिलकर ताकतवर रणनैतिक योजनाएं तैयार की हैं। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य है भाजपा की अधिकांशता को दुर्भाग्यपूर्ण बनाना है।
इस गठबंधन के प्रमुख पक्षों में शामिल हैं एसपी, बसपा, जेडीयू, राश्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, नहरूवादी पार्टी, राष्ट्रीयलोकदल और लोकतंत्रिक युवाजनसत्ता पार्टी। इन पार्टियों ने मिलकर चुनावी प्रक्रिया को नई दिशा दी है।
ओपिनियन पोल के अनुसार बीजेपी को जीत की हैट्रिक दर्ज की गई है। यह मत प्रिंटिंग में भाजपा को जीत के लिए खासा मजबूत बना सकता है। अगर बीजेपी अपनी लगातार जीत जारी रखती है, तो विपक्षी गठबंधन को सरकारी सत्ता में वापसी करने की बड़ी उम्मीद है।
उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावी परिणाम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में बीजेपी 73 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है जबकि विपक्षी गठबंधन को सात सीटें जीतने की संभावना है। ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी को 52% वोट मिलने की संभावना है, जबकि एसपी को 23% वोट मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, कांग्रेस को सिर्फ 4% वोट मिलने की संभावना है।
इस चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ी चुनौती उत्तराखंड से मिलेगी। इसलिए इस राज्य के चुनावी परिणाम भी महत्वपूर्ण हैं। बीजेपी को उत्तराखंड की सभी 5 सीटें जीतने की संभावना है जबकि विपक्षी गठबंधन को सिर्फ एक-दो सीटें मिलने की उम्मीद है। और इसके अलावा गुजरात और कर्नाटक राज्यों के चुनावी परिणाम भी बीजेपी के लिए खासा महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
इस गठबंधन के विपक्षी दलों के नेताओं के मुताबिक, इन चुनावों में विपक्षी गठबंधन बीजेपी से कड़ा मुक़ाबला करेगा। इससे विपक्षी गठबंधन के नेता भी हैरान हैं क्योंकि बीजेपी इस बार घोषणा कर चुकी है कि वह 2019 के चुनाव से भी बड़ी जीत हासिल करेगी। बीजेपी को गुजरात की सभी 26 सीटें और उत्तराखंड की सभी 5 सीटें जीतने की संभावना है और कर्नाटक की 20 सीटें भी बीजेपी को मिल सकती हैं। विपक्षी गठबंधन को सिर्फ सात सीटें जीतने की संभावना है जबकि एसपी को पांच सीटें मिल सकती हैं।
इस गठबंधन का अलग मामला कांग्रेस की है। कांग्रेस को मतगणना में सिर्फ 4% वोट मिलने की संभावना है। कांग्रेस के नेता इस चुनाव को लेकर खासा निराश हैं।
इस गठबंधन में दूर रहकर भी मायावती को नुकसान हो सकता है। इस बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 73 सीटों पर जीत हासिल करने की संभावना है जबकि एसपी को सिर्फ पांच सीटें मिलने की उम्मीद है। मायावती को अपनी सीटों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
अगर बीजेपी इन राज्यों में बाजी मारती है, तो यह उनके लिए 2019 के लोकसभा चुनावों को जीतने की राह प्रशासनिक दर्जा प्राप्त कर सकता है। ओपिनियन पोल के अनुसार बीजेपी को उत्तराखंड की सभी 5 सीटों, गुजरात की सभी 26 सीटों और कर्नाटक की 20 सीटों के अलावा अन्य राज्यों में भी बड़ी जीत हासिल करने की संभावना है। इसलिए बीजेपी के लिए यह चुनाव खासा महत्वपूर्ण हो सकता है।
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