कोरोना वैक्सीन के लिए भारत में एक और मामला सामने आया है। मुम्बई के अच्छेराज निवासी द्वारा रचित एक पत्र के माध्यम से घोषणा की गई है कि उन्हें भारत में इनोवैक्स कंपनी के टिके लगे हैं जो कि भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त हुई है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि इनोवैक्स कंपनी के टीके की दूसरी डोज के पंजिकरण डिग्री भी उन्हें पहले से ही मिल चुकी है।
यह मामला एक सप्ताह पहले उठाया गया था, जब एक आचार्या ने बताया कि इनोवैक्स टीके की दूसरी डोज उन्हें पहले से ही लग चुकी है और उन्हें इसका पंजिकरण डिग्री भी मिल चुकी है। इस मामले के चलते लोगों के विश्वास पर संकट आ रहा है। सरकार इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए अवहेलना नहीं करनी चाहिए।
इस संबंध में पहले भी कई वैक्सीन घोटालों के मामले सामने आए हैं जिससे लोगों का विश्वास कमजोर हो रहा है। सरकार को इस समस्या का जल्दी समाधान ताकि लोगों के विश्वास को मजबूत किया जा सके।
इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम की गठन की भी जरूरत है। इससे न केवल आरोपी को सजा मिलेगी, बल्कि वैक्सीन से जुड़े सभी लोगों का विश्वास भी मजबूत होगा। सरकार को संबंधित वैक्सीन कंपनी से दूर रखकर पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए ताकि किसी भ्रष्टाचार का संकेत न हो।
यदि यह मामला साबित होता है, तो इससे सरकार की परिवर्तनशीलता पर सवाल उठेंगे। जब हमारे देशवासियों के विश्वास पर संकट आता है तो हम किसी भी असुरक्षित महसूस करते हैं। सरकार को लोगों के विश्वास से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए, खासकर जब इस अशुभ माहौल में हमें इन वैक्सीनेशन अभियानों की जरूरत है।
देशभक्त नागरिकों की सेवा में कार्यरत सैनिकों, पुलिस और अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को सही समय पर वैक्सीन मिलनी चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके।
साथ ही, इस मामले में किसी भ्रष्टाचार का संकेत न होने के लिए सरकार को खुद को संबंधित वैक्सीन कंपनी से दूर रखकर पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए। जैसे वैसा ही ब्रिटेन में पड़ा गया है।