गत कुछ समयों से लोगों की जिंदगी में इतनी भागदौड़ भरी है कि इसके कारण उनमें मानसिक समस्याएं बढ़ने लगी हैं। इसमें से एक गंभीर बीमारी है सिज़ोफ्रेनिया। सिज़ोफ्रेनिया में माटेरियल डोपामाइन नामक एक केमिकल की अधिक मात्रा मिलने के कारण मन में हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
सिज़ोफ्रेनिया के मुख्य कारण दो हो सकते हैं – जेनेटिक और पर्यावरणीय। यदि किसी परिवार के किसी सदस्य में सिज़ोफ्रेनिया की समस्या होती है, तो उसके अन्य सदस्यों में इसका खतरा बढ़ जाता है। वहीं, जब कोई व्यक्ति स्ट्रेस, ट्रैमा, नशामुक्ति या एक नई वातावरण में आने के कारण अत्यधिक माइंड बन जाता है, तो उनमें भी सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को जरुरी है कि वे जल्द से जल्द इलाज करवाएं। इसके लिए विभिन्न तरीके हो सकते हैं जैसे कि विटामिन-बी सप्लीमेंट्स या दवाइयां। छोटे हद्दे तक इसका इलाज साइकोलॉजिकल सलाह के माध्यम से भी किया जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए लोगों को अपने प्रतिस्पर्धी दबाव को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए ध्यान लगाने, योगा आसन और एक्सरसाइज करने जैसी गतिविधियों को अपनाने की सलाह दी जाती है। इन तरीकों को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।
यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है और यह सलाह दी गई है कि इन तरीकों को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ली जाए। यहां दी गई जानकारी केवल इंटरनेट पर साझा की जा रही है और किसी भी प्राकृतिक अथवा वैद्यकीय प्रयोग की विकल्प नहीं होती है। अगर आप इसके लिए आवश्यकता महसूस करते हैं तो कृपया किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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