यमन में अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमला किया है। यह हमला काफी सफल रहा है, जिसके कारण हूती विद्रोहियों को बड़ा नुकसान हुआ है और उनके कई ठिकाने तबाह हो गए हैं। इसके बाद से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है।
व्हाइट हाउस ने यह बताया है कि अमेरिका ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हमले की पुष्टि की है। अमेरिका ने इस हमले के माध्यम से ईरान को एक संदेश भी दिया है कि वह किसी भी मामले में शिपिंग कर्मशियों की आजादी से कोई समझौता नहीं करेगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत ने अपने पांच युद्धक जहाजों को अरब सागर और लाल सागर में तैनात किया है।
यह हमला सीमित होने के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके पश्चात पश्चिम एशियाई देशों में तनाव बढ़ सकता है। इसके चलते अमेरिका ने अपने साथी देशों के साथ ‘ऑपरेशन प्रोसपैरिटी गार्जियन’ शुरू किया था। यह ऑपरेशन राष्ट्र और उनकी जीवनी रक्षाकर्ताओं की सुरक्षा में मदद करने के लिए है।
यमन में होने वाले युद्ध का अंति खेरा है। हमले के बाद से पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है। यह साबित करता है कि अमेरिका और ब्रिटेन की इस हमले के बाद की रणनीति कारगर रही है। इससे पश्चिमी देशों के बीच तनाव कम होगा और शांति बनी रह पाएगी।