विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस दुनिया भर में टीबी के बाद द्वितीय कारण है जिससे होती है मौत।
भारत ने भी इस समस्या के सामने अपनी मुहर लगाई है। 2022 में विश्व के हेपेटाइटिस केसों का 11.6 प्रतिशत हिस्सा भारत ने बनाया है और देश ने ग्लोबल टोटल का 27.5 प्रतिशत योगदान दिया है।
WHO की रिपोर्ट में मौत की अनुमानित संख्या में बढ़ोतरी दर्शाता है। 2019 में 1.1 मिलियन मौतें थीं, जबकि 2022 में ये मौतें 1.3 मिलियन हो गई हैं। हेपेटाइटिस बी ने 83 प्रतिशत और हेपेटाइटिस सी ने 17 प्रतिशत मौतें कारणित की हैं।
लगभग दुनिया भर में 304 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और सी के साथ रह रहे हैं। असुरक्षित चिकित्सा इंजेक्शन ने भी हेपेटाइटिस सी के फैलाव में योगदान किया है।
2022 में केवल 10 देशों में 80 प्रतिशत हेपेटाइटिस सी संक्रमण अस्वस्थ जीज़ से होते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या है जिसे समेटने के लिए सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस समस्या को हल करने के लिए सरकारों को उचित कार्रवाई लेने की जरूरत है और लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सहायता करनी चाहिए। हेपेटाइटिस की ये खतरनाक समस्या को ठीक करने के लिए समाज को मिलकर काम करना होगा।