वैश्विक हेपेटाइटिस मौतें बढ़ी, भारत में 35.3 मिलियन संक्रमण
वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस से होने वाली मौतें 2019 के बाद वृद्धि हो गई है। हेपेटाइटिस द्वारा मौत की दूसरी सबसे बड़ी संक्रामक कारण है, जिसकी वैश्विक मौत के बाद उबरती है। भारत ने 2022 में विश्व के हेपेटाइटिस मामलों के 11.6 प्रतिशत का हिस्सा बनाया है। देश में लगभग 35.3 मिलियन हेपेटाइटिस संक्रमण हैं, जिसमें 29.8 मिलियन हेपेटाइटिस बी और 5.5 मिलियन हेपेटाइटिस सी मामले शामिल हैं।
हेपेटाइटिस सी भारत में अहितकर है, लेकिन बहुत कम लोग इसके संचार, प्रभाव और टीकाकरण के बारे में जानते हैं। एचईवी के बाद हेपेटाइटिस बी और सी के कारण लाखों लोगों के लिए अमूर्त बीमारी का कारण है और ये सबसे आम लीवर सिरोसिस, लीवर कैंसर और हेपेटाइटिस संबंधित मौत हैं। दुनिया भर में वायरल हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण से ग्रस्त लोगों का आंकड़ा 2019 में 2.5 मिलियन से 2022 में 2.2 मिलियन तक गिर गया है।
विश्वभर में टीकाकरण और सुरक्षित इंजेक्शन ने इस तार को कम करने में प्रभाव डाला है। असुरक्षित चिकित्सा इंजेक्शन से हेपेटाइटिस सी का संचार होता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सुरक्षित चिकित्सा इंजेक्शन से हर तीसरे नए हेपेटाइटिस सी संक्रमण होता है।
पाकिस्तान, चीन, रूस, भारत, यूक्रेन, इटली, वियतनाम, कजाखस्तान, जापान और पाकिस्तान जैसे दस देश इंजेक्शन द्वारा प्राप्त हेपेटाइटिस सी संक्रमणों की 80 प्रतिशत फ्री हैं।
इस प्रकार, हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षित इंजेक्शन के महत्व को समझाना और उचित टीकाकरण की महत्वपूर्णता को समझाना जरूरी है। नकारात्मक असरों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित चेकअप करवाना भी महत्वपूर्ण है।
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