कंप्यूटरीकृत आंतरविद्यालयों में छात्रों को धोखा देती एक अवैध गतिविधि स्वरूप बढ़ रही है। इन आंतरविद्यालयों में चल रही हैं वर्चुअल क्लासरूम एप्लिकेशनों के माध्यम से ये अवैध गतिविधियाँ कार्यान्वित हो रहीं हैं। हाल ही में हुए इस संकटपूर्ण चर्चामें उज्जवल संवेदनशीलता के साथ ये सामने आया है कि हो सकता है इन अवैध गतिविधियों में छात्रों के नाम एवं अन्य वयस्क व्यक्तियों का अस्वीकृत उपयोग हो रहा है।
इन अवैध गतिविधियों के कारण छात्र स्कूल से गैरहाजिर रह रहे हैं और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस समस्या को नजरअंदाज करते हुए कुछ सरकारी स्कूल प्रशासन ने इसे संभालने के लिए तकनीकी टीमें तैनात की हैं। इस नई नीति के तहत छात्रों को कंप्यूटरीकृत आंतरविद्यालयों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है। साथ ही सरकारी निकायों ने इस मुद्दे का संधारण करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। अब तक कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में सभी छात्रों एवं उनके अभिभावकों को इन अवैध गतिविधियों से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। ये गतिविधियाँ न केवल छात्रों की पढ़ाई को बाधित कर रही हैं, बल्कि इनके द्वारा छात्रों का नामोंशही खुलासा होने के कारण उन्हें सामाजिक तनाव महसूस हो रहा है। इसलिए सरकारी निकायों के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे को संज्ञान में रखते हुए इस पर तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए। आगामी दिनों में और अधिक कड़ी कार्रवाई हो सकती है ताकि छात्रों पर धोखाधड़ी न की जा सके।
इस तरह के संकटपूर्ण मुद्दों को संभालने के लिए सभी हितधर्मी नागरिकों को एकजुट होकर इस समस्या का हल निकालने में सहयोग करना चाहिए। हमें आपकी राय भी जरूर दें, क्योंकि ये हमारी ज़िम्मेदारी है।
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