चंद्रयान-3 की सफलता पर पाकिस्तान की सराहना
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पाकिस्तान ने इंडिया को सराहना व्यक्त की है। अपने ब्रिफिंग में पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि इस सफल प्रक्रिया ने दोनों देशों के संबंधों में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संबंधों में महत्व
चंद्रयान-3 की सफलता से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में महत्व बढ़ गया है। दूसरे देशों की तुलना में भारत अब खुद को वैश्विक अंतरिक्ष संगठनों में स्थापित कर सकता है। इस सफलता के बाद दोनों देशों के बीच के विचार-विमर्श में नई सकारात्मकता आएगी।
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री द्वारा बधाई
इंडिया के वैज्ञानिकों की इस सफल उपलब्धि को पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से दोनों देशों के बीच एकता और भाईचारा सुदृढ़ होगा।
ब्रिक्स में पाकिस्तान शामिल नहीं
ब्रिक्स नेशन्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में अभी तक पाकिस्तान का सदस्यता नहीं हुआ है। लेकिन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पाकिस्तान को इस क्षेत्र में भी मजबूत भूमिका दिखा सकती है।
चंद्रयान-2 पर मजाक उड़ाने वाला बना महामंत्री
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने चंद्रयान-2 के लॉन्च होने पर मजाक उड़ाया था। इसके बावजूद, इंडिया के सफल प्रयास ने उन्हें चुप कराया है और उन्होंने इसरो को बधाई दी है।
आदित्य-एल-1 का अगला मिशन
इंडिया अपनी अगली मिशन “आदित्य-एल-1” (Aditya-L1) के लिए तत्पर है। इस मिशन को जल्द ही शुरू किया जाएगा और इसमें सूर्य का अध्ययन किया जाएगा। यह मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा और भारत को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में आगे बढ़ाएगा।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इंडिया-पाकिस्तान के समर्थन-संबंध में पौराणिक कंधों का पाकिस्तान ने व्यक्त की है। अपने ब्रिफिंग में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने व्यक्त किया कि इस सफलता पर दोनों देशों के संबंधों में बदलाव का दौर आएगा। वह इस सफलता को विज्ञान और एकता के क्षेत्र में ऐतिहासिक मोड़दन्त बताते हैं।
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता पर भी इसरो को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस सफल प्रयास से पूरे विश्व ने भारत को विज्ञान में नया मुकाम दिया है। इस सफलता के बाद भारत की प्रतिष्ठा और स्थान दोहराएंगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडिया अपना प्रयोग योग्य योगदान दे रहा है इस खेल में जिससे भारतीय मन को ऊर्जावान करेगा और प्रेरित करेगा। वह इंडिया के वैज्ञानिकों की मेहनत और संकल्प को सराहते हैं।
अगली मिशन आदित्य-एल-1 भी जल्द होगा, जिसमें भारत सूर्य की अध्ययन करेगा। यह महत्वपूर्ण मिशन विशेषज्ञता और इंडिया को लाखों वर्षों तक प्रभावित कर सकता है। इंडिया इस मिशन के माध्यम से मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में उन्नति को आगे बढ़ाएगा।
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