नैनी पुलिस को अवैध गबन का मामला हाथ से जाने के कारण परेशानी का सामना कर रही है। नैनी पुलिस के पास शुआट्स के 5.56 करोड़ रुपये गबन के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने और रिकवरी करने की सामर्थ्या नहीं थी। इसके चलते एक आरोपी फरार हो गया था और कोर्ट से स्टे ले लिए गिरफ्तार हुआ। इसके बाद उसने एक आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें उसकी निर्दोषता का दावा किया गया।
नैनी पुलिस और एसटीएफ के कर्मचारियों के बड़े बदले की वजह से यह मामला सामान्य से ज्यादा गंभीर बन गया है। जांच में पता चला है कि नैनी पुलिस और एसटीएफ ने इस मामले में लापरवाही की है, जिसके कारण इन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसकी वजह से नैनी पुलिस और एसटीएफ के पर भी गाज गिरी है।
नैनी पुलिस के सीओ ने 11 आरोपियों के खिलाफ 5.56 करोड़ रुपये गबन के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई है। छापामारी में गिरफ्तारी नहीं हो सकी और एक आरोपी की मौत हो गई है। इसके बाद नैनी पुलिस ने कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
दूसरी तरफ, शिक्षक भर्ती घोटाले में एसीपी ने डॉ. सर्वजीत हर्बट और अशोक सिंह को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले के आरोप पत्र में अधिक भुगतान, गबन, यात्रा व्यय आदि के आरोप सही पाए गए हैं। सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की अवैध भर्ती मामले में पुलिस सुप्रीम कोर्ट में दावा कर रही है। कुलपति समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
जांच में पता चला है कि सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी के कुल 69 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर मानकों का पूरा नियुक्ति नहीं किया गया था। इसके चलते कुछ आरोपी शहर छोड़कर भाग निकले थे, लेकिन पुलिस टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दावा कर रही है।
इन सभी मामलों में नैनी पुलिस और एसटीएफ को अपनी लापरवाही के लिए जवाबदेही उठानी होगी। साथ ही, कोर्ट को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून की पाबंदियों का पालन सख्ती से होता है।
“Infuriatingly humble tv expert. Friendly student. Travel fanatic. Bacon fan. Unable to type with boxing gloves on.”