पीसीओएस मेटाबॉलिक डिसऑर्डर निश्चित हो सकता है कि आपने कभी नहीं सुना होगा। आयुर्विज्ञान में लोगों के बीमारियों के पीछे के कारणों को खोजना एक उद्यम का हिस्सा है और गोलों और उलटियों से शुरुआत हो जाने वाली नई कारों में से एक हैं। यह महिलाओं के बीमारियों का कारण बताया जाता है और इसे पथरीत करना नहीं जरूरी होता है।
पीसीओएस मेटाबॉलिक सिंड्रोम महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए अधिक गंभीर खतरे के माध्यम से गुजरने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब ये खतरे हमें चूकते हैं, तो हमें इसके बारे में अच्छी तरह से जागरूक होना चाहिए।
मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण महिलाएं हाइपरग्लेसेमिया, हाइपरट्राइग्लिसरीडेमिया, एचडीएल, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का सामना कर सकती हैं। इन सभी बीमारियों के लिए विटामिन डी का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है।
विटामिन डी पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, यह इंसुलिन प्रतिरोध को रोकता है और ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करता है। इसके अलावा, विटामिन डी और कैल्शियम की डोज़ से पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं की ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
विटामिन डी की कमी आमतौर पर धुंधले मौसम की वजह से होती है, और इसलिए शरीर को इससे पूरा कराने के लिए सूरज से प्राप्त किया जाता है। अगर आपके सूर्यमंडल में इन्हें पूरा करने के लिए अवश्यकता होती है, तो आप दूध, अंडे, मछली, और धूप में लम्बी उत्तेजना को प्राप्त करने के लिए दूध और अंडे सबसे अच्छे उपाय माने जाते हैं। यह एक सर्वांगीण उपाय है जिससे आप अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छे प्रभाव डाल सकते हैं।
यदि आप पीसीओएस से पीड़ित हैं और विटामिन डी की कमी के मामले में हैं, तो आपको नियमित तौर पर ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। यदि जरूरत हो तो, एक डाइटीशियन के साथ संपर्क करें और एक संतुलित आहार चार्ट बनाएं ताकि आप अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
इसलिए, विटामिन डी पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा विटामिन डी के द्वारा आप नये साल में अधिक स्वस्थ शुरुआत कर सकते हैं।
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