मधुपुरी गांव की केवल पांच दिनों के अंदर बुखार के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यह घटना गांव के शाने आलम के 17 साल के बेटे इस्लाम की मौत से शुरू हुई है। इस्लाम की मौत एक रात में हुई थी। इससे पहले भी इस्लाम को बुखार आया था और निजी लैब की जांच में उसको डेंगू की पुष्टि हुई थी। उसका इलाज एक निजी डॉक्टर द्वारा किया जा रहा था, लेकिन बहुत ही सुन्दर तौर पर उसकी परेशानी को देखते हुए डॉक्टर ने उसे दम तोड़ दिया। इसलिए इस्लाम की मौत हुई। गांव में इस बीते सप्ताह में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अख्तर अली की बेटी सानिया और चरन सिंह की बेटी खुशबू भी शामिल हैं।
मधुपुरी गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्पर हैं और बुखार पीड़ित लोगों को उपचार कर रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, बुखार पीड़ितों की डेंगू और मलेरिया की जांच भी हो रही है। हालांकि, वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से मौत होने की जानकारी को इनकार किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच करने के लिए एक विशेष टीम को गांव भेजा है। इस घटना के बाद से गांव के लोगों में गबराहट की माहौल है।
इस घटना के बाद से तोड़े-फोड़ की खबरें भी फैल रही हैं। लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या यह किसी प्रकार के महामारी की शुरुआत है और इसे कैसे रोका जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच करके उपचार का नेतृत्व करने का वादा किया है। वहीं, गांव के लोग भयभीत हैं और केवल स्वास्थ्य विभाग पर अपेक्षा रख रहे हैं कि वह जल्दी उपचार की व्यवस्था करें।
इन घटनाओं के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक बुखार के वायरस या महामारी से मिलती-जुलती कोई बात नहीं कही है। यह स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख द्वारा किया गया बयान है। रविवार को गांव में ‘इ-पोस्टमार्टेम’ वेबसाइट की टीम ने आकस्मिक जांच की है। टीम को बताया गया कि वह लोगों की मौत का कारण जानने के लिए गांव में लौटकर आएगी। इन घटनाओं के बाद से गांव वालों को नई चिंता और डर के बिंदु हो गए हैं।
“Infuriatingly humble tv expert. Friendly student. Travel fanatic. Bacon fan. Unable to type with boxing gloves on.”