ताइवान में चीन के 103 जंगी विमानों ने उनके इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। ताइवान ने इसे हाल ही के दिनों की सबसे बड़ी घुसपैठ बताया है। चीन इलाके में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान का मुद्दा भी उठाया। यूक्रेन, ताइवान और ग्लोबल सिक्योरिटी के मुद्दों पर चर्चा की गई। चीन ने ताइवान को कब्जाने का ब्लूप्रिंट जारी किया है। चीन ने ताइवान पर कब्जे और अपनी सत्ता जमाने के लिए फुजियान को प्रैक्टिस जोन बनाया है। अमेरिका ताइवान को हथियारों की सप्लाई करता रहा है, जिस पर चीन को ऐतराज है। चीन हमला करता है तो अमेरिका ताइवान का बचाव करेगा। अमेरिकी अधिकारियों का ताइवान से मेल-जोल बढ़ा दिया गया है।
ताइवान में चीन के जंगी विमानों की घुसपैठ की कोशिश, ताइवान ने कहा ये सबसे बड़ी घुसपैठ
ताइवान में पिछले हफ्ते चीन के 103 जंगी विमानों द्वारा उनके इलाके में घुसपैठ की कोशिश की गई है। इसे ताइवान ने हाल ही के दिनों की सबसे बड़ी घुसपैठ माना है। ताइवान की सैन्य संसाधनों के साथ चीनी विमानों के बढ़ते बढ़ाने ने इस्तेमाल की गई घुसपैठ के मामले की चिंता बढ़ा दी है। दुनिया को विपरीत ओरेंटेशन करने के प्रयास वाले चीन ने इस कदम के द्वारा अपनी सत्ता बढ़ाने की कोशिश की है।
साथ ही, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान के मुद्दे पर भी टिप्पणी की है। उन्होंने ताइवान के स्वतंत्रता के मुद्दे को इंटरनेशनल फोरम द्वारा बढ़ाने की कोशिशों से चेतावनी दी है। समय के साथ, यूक्रेन, ताइवान और ग्लोबल सिक्योरिटी के मुद्दों पर चर्चा की गई है।
चीन ने ताइवान को कब्जाने का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया है। ताइवान पर चीन का कब्जा करने के लिए, चीन ने फुजियान प्रैक्टिस जोन की स्थापना की है। यह प्रैक्टिस जोन उन्हें ताइवान में आपूर्ति और सत्ता बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए कार्यक्षेत्र के रूप में सेट अप करने की योजना बनाने में मदद करेगा।
अमेरिका की रक्षा संबंधी सहायता को लेकर चीन को ऐतराज है। अमेरिका ताइवान को हथियार सप्लाई करता है, जिसके लिए चीन खेदित होता है। सरकारी अफवाहों के मुताबिक, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिकी सुरक्षा शक्ति ताइवान का साथ देगी। इसके अलावा, अमेरिकी अधिकारियों का ताइवान से मेल-जोल बढ़ा दिया गया है और इस बात की पुष्टि की गई है की वे ताइवान की रक्षा को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।
यह युद्ध समर्थन और ताइवान के आरक्षित क्षेत्रों में चीन के आक्रमण के लिए ग्राउंड जितने का एक औरद अवसर हो सकता है। चीन की कार्रवाई द्वारा उत्पन्न तनाव करने के बावजूद, अमेरिका विमान-रक्षा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति जारी रखेगा।
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