कानपुर में वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा अभी भी बरकरार है। अस्पतालों में मरीजों की भरमार और बढ़ती हुई मरीज संख्या के बीच स्वाइन फ्लू के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में स्वाइन फ्लू के लिए 12 बेड सुरक्षित किए गए हैं। उर्सला अस्पताल और कांशीराम चिकित्सालय में भी स्वाइन फ्लू के लिए बेड सुरक्षित किए गए हैं। डेंगू के 45 नए मामले और एक चिकनगुनिया का मामला दर्ज हुआ है। एलएलआर अस्पताल में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए जरूरी दवाओं का स्टाक सुरक्षित किया गया है। डॉक्टरों को वायरल बुखार के मरीजों की देखरेख में लगाया गया है। उर्सला अस्पताल में वायरल बुखार के मरीजों की सर्जरी की जाएगी। वायरल बुखार के मरीजों के लिए एनवी वन और एनवी टू वार्ड सुरक्षित किए गए हैं। डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम लगाकर वायरल बुखार से प्रभावित मरीजों का इलाज प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
कानपुर, उत्तर प्रदेश: कानपुर शहर में विभिन्न संक्रमणों से प्रभावित होने का खतरा अभी भी बरकरार है। वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया व जहरीले मच्छरों के कारण शहर में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। भारी बारिश के कारण स्थानीय नदियों और तालाबों में पानी जमे हुए हैं, जिससे मच्छरों का प्रचार भी तेजी से हो रहा है।
वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा हैं, जिसके चलते कानपुर के हॉस्पिटल भरमार हो रहे हैं। स्वाइन फ्लू जैसी भयंकर बीमारियों के लिए अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में 12 बेड स्वाइन फ्लू के लिए सुरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही उर्सला अस्पताल और कांशीराम चिकित्सालय में भी ऐसे बेड सुरक्षित किए गए हैं।
शहर में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले भी सामान्य से अधिक हो रहे हैं। हाल ही में यहां एक चिकनगुनिया का मामला दर्ज किया गया है। इन सभी संक्रमणों के इलाज के लिए एलएलआर अस्पताल में उचित दवाओं का स्टॉक सुरक्षित किया गया है। इसके साथ ही वायरल बुखार के मरीजों की देखरेख में अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है। उर्सला अस्पताल में वायरल बुखार के मरीजों की सर्जरी की जा रही है।
वायरल बुखार के मरीजों के लिए एनवी वन और एनवी टू वार्ड बनाए गए हैं। इसके लिए डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीजों के इलाज को प्राथमिकता मानी है। इस वजह से अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है जो इसके संक्रमण को रोकने और मरीजों की निगरानी करके जरूरी इलाज प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए अस्पतालों को यह निर्देश दिया है कि उचित इलाज के साथ-साथ संक्रमण को फैलने से रोकने के उपायों का भी पालन किया जाए। लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करना चाहिए और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए।
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