ई-पोस्टमॉर्ट: परंपरा के रंग में डेबोरा और श्लोमी मटियास ने अपनी जान दे दी अपने बेटे को फायरिंग से बचाने के लिए।
इज़रायल, 15 जून 2022 – विश्व फायरिंग दिवस पर इस्राएली यहूदी केरलीट फैमिली ने अपने जबरदस्त प्रेम और बलिदान के साथ एक अवांछित सच्चाई का उजागर किया है। डेबोरा और श्लोमी मटियास ने अपना फर्ज निभाते हुए खुद को फायरिंग के सामने ले आए और अपने 16 साल के बेटे की जान बचाई। जहां दुनिया भोली-भाली सांसरों और आस्थानंद में अपना खोता कहानीबाज़ी करती है, वहीं इन माता-पिता ने अपनी जान धोखेबाजी के समक्ष डालकर बेटे को बचाया।
इस भयानक घटना में जब आतंकवादी उनके घर में आए और दरवाजे तोड़ दिए, तब डेबोरा और श्लोमी मटियास का बेटा कमरे में मौजूद था। अपराधियों ने तिरंगे और तालिबान की नाकाब पहनी हुई थी। इस अवस्था में बेटे की सुरक्षा को लेकर माता-पिता ने तत्परता और साहस का बखान किया। बिना किसीभय के, वे अपनी जान गंवा दीं ताकि उनका बेटा सुरक्षित रहे।
इजरायली अध्ययन के प्रोफेसर इलान ट्रोएन ने घटना को दुखद घटना बताया और उनकी बेटी के साथ बदमाशी करने वालों की तारीफ की। इसके अलावा, इज़रायली सेना ने एक बयान में सामरिक ड्रमा को उपन्यासित किया, कहना चाहते हैं कि वे हमास की सत्ता और तानाशाही को अंत करने के इरादे से कार्रवाई कर रहे हैं। यह बयान दमदार तथ्य का प्रदर्शन करता है कि इजरायल की सेना एक रणनीतिकठोर, तिरंगे में आवेदन करने वाली और दुश्मन की खड़ी खड़ी बहार काटने के लिए तैयार है।
पश्चिम में एक बेरोज़गारी चुनाव का आयोजन हो रहा है जिसे देशभर में धूम्रपान प्रतिबंध के रूप में इंतजार किया जा रहा है। परंतु यह घटना एक बार फिर से उठाएगी कि ऐसे बेरोजगारी चुनावों से यूथ मासवेदी और उत्साहित होने के बजाय, यह समय है कि वॉट की ताकत पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
इजरायल में होनेवाले हमले में अब तक 800 से भी अधिक मौतें हो चुकी हैं। इसके साथ ही, फिलिस्तीन में भी मृतकों की संख्या 490 से अधिक हो चुकी है। इजरायली फौजी ने एक ट्वीट के माध्यम से साझा किया है कि यह दिन इजरायली इतिहास का सबसे अधम दिन है, लेकिन हम इसे जीतेंगे। इस घटना ने दुनिया को एक बार फिर से यद्द कराया है कि इज़रायल में देश सुरक्षा का मानक है और वह अपने सुरक्षा के लिए कितना भी महँगा भुगतान कर सकता है।
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