करगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपनी अद्वितीय क्षमता और पराक्रम का परिचय दिया है। वायुसेना के विमानों की निर्माण और पराक्रम की वजह से पाकिस्तानी फिजीयों को सत्यानाश किया गया है। वायुसेना ने इस महामारी के बीच भी बहुत संघर्ष किया है और तीन ब्रिगेड के साथ हो कर देश की सुरक्षा का ख्याल रखा है।
भारतीय सेना के इन सुपरहीरोज़ को मेधा पुरस्कार से भी नवाजा गया है। इस पुरस्कार की सजा में वायुसेना के वीरों को सम्मानित किया गया है। देश के लिए इन वीरों का एहसान अमान्य नहीं है। वायुसेना की ताकत और क्षमता पर देश को गर्व महसूस हो रहा है।
इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव ने वायुसेना के युद्धकोष का उद्घाटन किया है। उन्होंने प्रशंसा की है और वायुसेना के उत्कृष्ट योगदान के लिए इन्हें धन्यवाद दिया है। वायुसेना ने कारगिल युद्ध में भारत के आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए उन्हें वायुसेना की तारीफ की गई है।
सेना ने इस मौके पर वायुसेना के सभी अधिकारियों के प्रति अपनी मनोयोग्यता का प्रदर्शन किया है। वायुसेना के प्रियंका और शिवांगी ने अपनी अद्वितीय प्रदर्शन के माध्यम से वीरता की मिसाल पेश की है। उन्होंने सभी को अद्वितीय प्रेरणा दी है और वायुसेना के शोभायत्री बने हैं। इन सबके पश्चात देश का मनोबल और जोश और बढ़ गया है।
इस तरह सेना के इन कर्मठ और शूरवीरों ने देश को गर्व महसूस कराया है। वायुसेना के यह प्रशस्तिपूर्ण कार्य और समर्पण का परिचय देश को बहुत आनंद और उत्साह दे रहा है। इन वीरों की देश के प्रति अपार श्रद्धा है और उन्हें सतत प्रशंसा और सम्मान का अधिकार है। वायुसेना के इन प्रतिभाशाली योद्धाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
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