अशोक गहलोत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी में व्यास के खिलाफ विनाशकारी टिकट काटे जाने को लेकर निरंतर बचकाने की प्रक्रिया पर निशाना साधा गया है। यह घटना कांग्रेस और भाजपा के बीच पीछे-पीछे छेड़छाड़ के रूप में दिख रही है।
सूर्यकांता व्यास, जिन्हें बीजेपी ने अपना पूर्व विधायक भी बनाया था, के मामले में उलझे सवाल हैं। कांग्रेस अभी तक सूरसागर सीट पर उम्मीदवार का एलान नहीं कर पाई है। इसके पश्चात, विकल्पी उम्मीदवार के रूप में सूर्यकांता व्यास के नाम पर विचारणा चल रही है।
हालांकि, बीजेपी के लिए सूर्यकांता व्यास के टिकट काट ना देने का निर्णय मुश्किल खड़ी कर सकता है। सूर्यकांता व्यास की प्रबल बातचीत कौशल, पार्टी के लोगों में उनका वाक-प्रवचन में मान्यता होना और उनके आम आदमी के चेहरे होने से कांग्रेस के लिए अधिकांश युक्तिकारी कुरेला से उड़न भि दर आयी है।
अशोक गहलोत की मुलाकात ने गहलोत के पक्ष में चीजे़ंदें कर सकती हैं। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी के आंतरिक मांगों को बख्शने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा और विपक्षी भाजपा नेता के मुख्यमंत्री पद की अभियांता की मुख्याध्यापिका अमांता व्यास मध्यस्थता कर रही हैं।
किंतु बीजेपी के लिए सूर्यकांता व्यास का दौरा और विचारधारा एक चुनावी शून्य स्थिति के कारण अपंगता को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। यह घटना यूथ वोटर्स और महिला मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए बीजेपी के पक्ष में कलम को लौटा सकती है।
प्रायः बीजेपी के विजय की ओर एक और कदम बढ़ते हुए दीखाई दे रहा है। इस घटना के बाद कांग्रेस द्वारा सूरसागर सीट पर उम्मीदवार का ऐलान करने की संभावना कांग्रेसी पक्ष के लिए अब आवश्यक साबित हो गयी है।।
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