ई-पोस्टमॉर्टेम: टाटा ग्रुप ने विस्ट्रॉन के साथ $125 मिलियन की डील पर हस्ताक्षर किए
टाटा ग्रुप और विस्ट्रॉन के बीच एक बड़ी सौदा हुई है। इंडियान कंगलोमरेट कंपनी टाटा ग्रुप ने एप्पल के प्रोडक्ट्स के लिए विस्ट्रॉन के साथ पार्टनरशिप में $125 मिलियन इन्वेस्टमेंट की है। यह सौदा विस्ट्रॉन को उसके स्मार्टफोन असेंबली उद्योग को बेचने की संभावना थी।
विस्ट्रॉन, जो इन्कोरपोरेटेड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है, भारतीय मार्केट में सबसे बड़ी एपफोन आसेमब्ली कंपनी है। यह कंपनी वर्तमान में 8 प्रोडक्शन लाइनों के साथ भारत में अपनी प्लांट चला रही है जहां एप्पल के प्रोडक्ट्स का निर्माण किया जाता है।
इससे पहले विस्ट्रॉन 2008 में भारतीय मार्केट में प्रवेश करने का फैसला लिया था और आईफोन की आसेंबली कंपनी के रूप में देर से काम शुरू किया था। लेकिन आज विस्ट्रॉन को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और अपनी आईफोन असेंबली फैक्ट्री को बेचने का फैसला किया है।
टाटा ग्रुप के टेकओवर के बाद विस्ट्रॉन पूरी तरह से भारतीय मार्केट से बाहर हो जाएगा। इसके बाद से फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां भारत में अपनी प्रोडक्शन लाइनें बढ़ा रही हैं, जबकि विस्ट्रॉन भारत छोड़ रही है।
इस सौदे से प्रभावित होंगे दोनों कंपनियाँ, जहां टाटा ग्रुप अब एप्पल के प्रोडक्ट्स का निर्माण करने का आंकड़ा बढ़ाएगा, और विस्ट्रॉन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एप्पल के प्रोडक्ट्स की आपूर्ति में गर्व का आकांक्षी होगी।
यह सौदा एजींटमी और उद्योग के बाजार में काफी हलचल मचायेगा। टाटा ग्रुप के इस औरों मामले में कम्पीटिशन को पछाड़ेगी और विस्ट्रॉन खुद को नए मार्केट में विपणन करने के लिए ढ़ली करेगी।
हालांकि, विस्ट्रॉन कम्पनी के प्रतिनिधि ने इस सौदे को उज्ज्वल दरवाज़े के रूप में देखा है, क्योंकि यह कंपनी अपने व्यापार में वृद्धि करने के लिए इसे आवश्यक समझती है।
“Zombie enthusiast. Subtly charming travel practitioner. Webaholic. Internet expert.”