कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीनेशन का महत्वपूर्ण मोर्चा अब आ चुका है। यह तो विश्वभर में दिख रहा है कि वैक्सीनेशन पर तानाशाहीकरण शुरू हो चुका है। ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण देशों ने एक नई योजना जारी की है जो अन्य देशों को वैक्सीन के आपूर्ति और वितरण में सहायता करेगी। वैक्सीनेशन की आपूर्ति के कम होने का खतरा दिख रहा है, जो कि इस योजना के तहत दूसरे देशों को अपने वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करेगी।
इस योजना ने वैक्सीनेशन के लिए मान्यताप्राप्त मापदंडों को मान्यता देने के साथ ही वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाने के काम में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन इस दौरान वैक्सीन की गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी और पहुंच में सुधार करने के लिए सभी देशों के सहयोग की भी आवश्यकता है। यह योजना वैक्सीन प्रोटोकॉल को स्पष्ट और ज्ञात करने की भी मांग कर रही है।
भारत को भी इस योजना में शामिल होने की सलाह दी जा रही है। यह योजना देश के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैक्सीनेशन की संख्या को बढ़ाने में मदद करेगी। इसके अलावा इस योजना के बारे में हो रहे अनौपचारिक बैठकों में चर्चा हो रही है। यह योजना को जल्दी से आम भाषाओं में शामिल किया जाना चाहिए ताकि उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।
कोविड-19 वैक्सीनेशन के सभी पहलुओं को मजबूत करने के लिए बातचीत और सहयोग की अवधारणा को आगे बढ़ाना चाहिए। वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाने के साथ ही उनकी क्वालिटी और पहुंच को बेहतर बनाने के लिए दुनिया भर के देशों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके लिए इस योजना का ज़रूरी ठहराव है।
दुनिया भर के बड़े देशों के संबंध में भी चर्चा की जा रही है कि क्या वे इस योजना में शामिल होने चाहिए अथवा नहीं। हालांकि, इसका लगभग निर्णय लिया जा चुका है कि हरेक देश को इसमें अपनी उपस्थिति बनानी चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जैसे ही यह योजना क्रियान्वित होगी, इसे विश्वभर के लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि कोविड-19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई सफल हो सके।
“Prone to fits of apathy. Devoted music geek. Troublemaker. Typical analyst. Alcohol practitioner. Food junkie. Passionate tv fan. Web expert.”