गाजा में इजरायल-हमास के बीच हो रही युद्ध से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 9,500 लोग शामिल हैं, जिसमें 3,900 बच्चे और 2,400 से अधिक महिलाएं हैं। इसके साथ ही, 15,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस जंग के चलते, 23,000 से अधिक लोगों को बेहद जरूरतमंद इलाज की जरूरत है।
इजरायल-हमास के बीच चल रहे इस माहिरा युद्ध के एक महीने तक किसी नतीजे की जानकारी मिलने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में मानवीय युद्धविराम की मांग की है और 18 विभिन्न नगरिक समानता और मानवाधिकार एजेंसियों के प्रमुखों ने गाजा पर संयुक्त बयान जारी किया है। वैश्विक निगरानी संस्था ने इजरायल पर आपत्तिजनक हमले का आरोप लगाया है और 2.2 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनियों को सुविधाओं से प्रभावित होने का इल्जाम भी लगाया गया है।
इजरायल के खिलाफ हुए हमलों के बारे में बयान में 100 से अधिक भारतीय संयुक्त राष्ट्र शान्ति सेना के सदस्य और 88 यूएनआरडब्ल्यूए कर्मियों की मौत की जानकारी दी गई है। इसके अलावा, हमास के हमले वाले रॉकेटों ने कई परिवारों को आघात पहुंचाया है और हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है।
गाजा में मौत की आंकड़ा पहले से ही चिंता का विषय था, और अब इसकी गंभीरता और बढ़ी है। हमेशा की तरह, शामिल हुई महिलाओं और बच्चों के आंकड़ों ने दर्शाया है कि इजरायल और हमास के तनाव में सबसे ज्यादा निश्चित रूप से संकट के शिकार वर्ग हैं। घायलों की संख्या इसकी जैविक और मनोवैज्ञानिक मदद आवश्यकता को दिखा रही है।
इंटरनेटीकरण और जगतजाल मीडिया ने गाजा में चल रहे इस संघर्ष को उजागर कर रखा है और कई साइबर न्यूज वेबसाइट्स और ई-पेपर्स ने इस मुद्दे को अपनी सुविधा से मουलभीन करते हुए लेख तैयार कर रखे हैं। यह युद्ध मौत और विस्थापन से भरा है, लेकिन अभी तक कोई व्यापक समझौता नहीं हुआ है। आशा की जा रही है कि द्विपक्षीय वार्ता और विराम के बाद, आराम और शांति की स्थिति स्थापित होगी और इस प्रकरण की तारीख के लिए एक नयी दिशा का शुभ होगा।
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