टाटा पावर के स्टॉक में 9 नवंबर को 3 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसका कारण है कंपनी के दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर के नतीजे, जिसके चलते निवेशकों को प्रभावित किया जा रहा है। इस तिमाही में कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा 8.8 प्रतिशत बढ़कर 1,017 करोड़ रुपये हो गया है।
बीएसई पर शेयर गिरावट के साथ पैसे का आरंभीकरण 254.65 रुपये पर हुआ है। टाटा पावर के शेयर का 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 276.50 रुपये और निचलतम स्तर 182.45 रुपये (बीएसई) और 182.35 रुपये (एनएसई) है। शेयर ने पिछले 6 महीनों में 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी है।
सितंबर 2023 तिमाही में कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 9 प्रतिशत बढ़कर 15,442 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तिमाही में EBITDA 51 प्रतिशत बढ़कर 3,087 करोड़ रुपये हो गया है। ब्रोकरेज सीएलएसए ने टाटा पावर के लिए ‘सेल’ कॉल दी है और हर शेयर पर 205 रुपये का टार्गेट प्राइस निर्धारित किया है।
अनुसार, रिसर्च फर्म के अनुसार, कंपनी के मुनाफे में गिरावट के कारण प्रॉफिट बिफोर टैक्स में 4 प्रतिशत की गिरावट हुई है। टाटा पावर के रिन्यूएबल आईपीपी व्यवसाय पर उच्च दरें असर डाल रही हैं। गोल्डमैन सैक्स ने भी टाटा पावर के लिए ‘सेल’ रेटिंग बरकरार रखी है और 215 रुपये प्रति शेयर के टार्गेट प्राइस निर्धारित किया है। इसके अलावा FY24, FY25, FY26 में EPS में 16 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
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